छोटे प्लांटों से गांव के जैविक कचरे का होगा निस्तारण
शहरों में कचरा निस्तारण की योजना के बाद अब गांवों में निकलने वाले जैविक कचरे का निस्तारण किया जाएगा

नोएडा। शहरों में कचरा निस्तारण की योजना के बाद अब गांवों में निकलने वाले जैविक कचरे का निस्तारण किया जाएगा। इसके लिए गांव के पास बनी ग्रीन बेल्ट में छोटे-छोटे प्लांट लगाए जाएंगे।
इन प्लांटों में जैविक कचरे का निस्तारण कर उससे कंपोस्ट खाद बनाई जाएगी। जिस जैवकि कचरे का निस्तारण नहीं किया जा सकेगा उसे ठोस कचरा प्रबंध सयंत्र भेजा जाएगा। ऐसे में ट्रांसपोटेशन के साथ सयंत्र पर पड़ने वाला दबाव भी न के बराबर होगा। शहर के सेक्टरों में निकलने वाले कचरे के निस्तारण के लिए प्राधिकरण ने कंपोस्टिंग मशीन योजना बनाई है। इसके लिए प्राधिकरण सेक्टर आरडब्ल्यूए को सब्सिडी के तहत मशीन उपलब्ध कराएगी। जिसमें घरेलू कचरे का निस्तारण किया जा सकेगा। लेकिन समस्या गांवों से निकलने वाले कचरे को लेकर थी।
इसके लिए योजना तैयार की जा रही है। जिसके तहत गांवों के बाहर बनी ग्रीन बेल्ट में छोटे-छोटे प्लांट लगाकर कचरे का निस्तारण किया जा सकेगा। योजना का एक प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जा रहा है। यहा से मंजूरी मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि इस तरह की योजना लागू करने से पहले प्राधिकरण को एनजीटी के नियमों का पूर्ण ध्यान रखना होगा। दरअसल, वर्तमान में शहर में 650 मेट्रिक टन कचरा निकलता है। इस कचरे को डंप करने के लिए स्थान नहीं है।
सेक्टर-123 में ठोस कचरा सयंत्र बनाने की योजना है। उससे पहले यदि सेक्टर व गांवों में इस तरह के प्लांट लग जाए तो कचरे का एक बड़ा हिस्से के निस्तारण किया जा सकेगा।


