आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे विदेश मंत्री : कांग्रेस
बिहार कांग्रेस ने विदेश मंत्री के प्रथम प्रधानमंत्री के अपने मंत्रिमंडल में सरदार वल्लभ भाई पटेल को शामिल नहीं करने के बयान पर कटाक्ष करते हुए आज कहा कि श्री जयशंकर झूठे प्रचार में संलिप्त हैं

पटना। बिहार कांग्रेस ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के अपने मंत्रिमंडल में सरदार वल्लभ भाई पटेल को शामिल नहीं करने के बयान पर कटाक्ष करते हुए आज कहा कि श्री जयशंकर झूठे प्रचार में संलिप्त हैं और वह विदेशी मंत्री की बजाय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं।
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने यहां विदेश मंत्री झूठे प्रचार में संलिप्त हैं। उन्होंने कहा कि श्री जयशंकर विदेश मंत्री की बजाय आरएसएस और भाजपा कार्यकर्त्ता की तरह काम कर रहे हैं, जो अशोभनीय है।
श्री सिंह ने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने पं. नेहरू एवं सरदार पटेल के सम्बन्धों को विकृत रूप में नई पीढ़ी के समक्ष रखने की एक सुनियोजित साजिश रची है, जिसे अब विदेश मंत्री आगे बढ़ाने का असफल प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री जयशंकर जैसे व्यक्ति को यह सोचना चाहिये कि नारायणी बसु की लिखित विवादित बातें प्रो. श्रीनाथ राघवन, रामचन्द्र गुहा, पीयूष बेबले जैसे अन्य लेखकों और इतिहासकारों की रचनाओं से मेल क्यों नहीं खाती है। स्पष्ट है कि यह दुष्प्रचार का हिस्सा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि विदेश मंत्री के दावे को प्रसिध्द इतिहासकार रामचन्द्र गुहा ने ख़ारिज किया है क्योंकि यह ऐतिहासिक तथ्य और साक्ष्य है कि पं. नेहरू ने वर्ष 1947 में लार्ड माउंटबेटन को जो पत्र लिखा था उसमें सरदार पटेल को अपने मंत्रिमंडल में दूसरे नम्बर पर रखा था। इसकी पुष्टि अन्य ऐतिहासिक स्रोतों से भी होती है। विदेशमंत्री को यह बताना चाहिये कि वे इस झूठे प्रचार का हिस्सा क्यों बन रहे हैं।
गौरतलब है कि विदेश मंत्री श्री जयशंकर ने नारायणी बसु की किताब का विमोचन करते हुये ट्वीट किया है कि पं. नेहरू सरदार पटेल को कैबिनेट में शामिल करना नहीं चाहते थे।


