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विनोद राय 2जी फैसले पर स्पष्टीकरण दे: शिवसेना

भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकार में साझीदार शिवसेना ने 2जी मामले में सीबीआई अदालत के फैसले को भाजपा और इसका राजनीतिक लाभ लेने वालों के गाल पर 'तमाचा' बताया है

विनोद राय 2जी फैसले पर स्पष्टीकरण दे: शिवसेना
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मुंबई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकार में साझीदार शिवसेना ने 2जी मामले में सीबीआई अदालत के फैसले को भाजपा और इसका राजनीतिक लाभ लेने वालों के गाल पर 'तमाचा' बताया है और साथ ही इस मामले को उजागर करने वाले देश के पूर्व नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक(कैग) विनोद राय पर शनिवार को निशाना साधा है। तथाकथित 2जी घोटाला गढ़ने की राय की मंशा पर सवाल उठाते हुए शिवसेना ने कहा, "वह सच के अग्रवाहक नहीं हैं और इस पूरे मामले में उनकी भूमिका संदिग्ध है।"

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' और 'दोपहर का सामना' के संपादकीय में कहा है, "इस आदमी(राय) ने एक राजनीतिक पार्टी की मदद की, जिसके निहित स्वार्थ थे। लेकिन अब वह पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं। यह स्पष्ट है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और उन्हें अवश्य ही इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।"

पार्टी ने कहा, "राय ने अपने 'शोध' से पता किया कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला था और इससे देश को 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान का अनुमान लगाया, जिससे वैश्विक स्तर पर भारत की छवि धूमिल हुई।"

शिवसेना ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, "भाजपा ने इसे संसद के बाहर और अंदर भुनाया और पूरे देश में ऐसा माहौल बनाया कि भाजपा राजा हरिश्चंद्र का 'महाअवतार' है, जिसने कभी झूठ नहीं बोला।"

शिवसेना ने कहा, "अब, कई वर्षो बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने पूरे मामले को 'फर्जी, मनगढ़ंत' बताया और सीबीआई समेत अन्य जांच एजेंसियों को मामले में एक भी सबूत नहीं जुटा पाने के लिए फटकार लगाई।"

शिवसेना ने कहा, "पहले, 2जी घोटाला सामने आने से संप्रग सरकार अचंभित हुई, अब अदालत के फैसले से भाजपा को हैरानी हुई। लेकिन राय मजे में हैं।"

पार्टी ने कहा, "भाजपा ने संसद में आरोप लगाया कि राजा ने 2जी घोटाले में करोड़ों रुपये कमाए और विदेशी बैंकों में जमा किए। अब सत्तारूढ़ पार्टी उस काले धन को वापस लाने में विफल रही।"

शिवसेना ने पूछा है, "कैग और सर्वोच्च न्यायालय को ऐसा लगता है कि महा घोटाला हुआ था, लेकिन यह भी तथ्य है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। अगर सच में कोई घोटाला हुआ है तो, इन आरोपियों को कैसे रिहा किया गया? अगर कोई घोटाला नहीं हुआ है तो, आरोपियों को जेल क्यों जाना पड़ा? अगर वे 'निर्दोष हैं तो किसने यह घोटाला किया? यह सत्तारूढ़ सरकार की जवाबदेही है कि इन सवालों का जवाब दे।"'


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