बालको मेडिकल सेंटर के विशेषज्ञों ने की बोन कैंसर की दुर्लभ सर्जरी व पुन:निर्माण
बालको मेडिकल सेंटर के कैंसर विशेषज्ञों ने हाल ही में एक 10 वर्षीय लडक़ी का दाएं जाँघ की हड्?डी (फीमर) केओस्टियोसारकोमा (हड्डी के घातक ट्यूमर) का सफल इलाज किया

रायपुर। बालको मेडिकल सेंटर के कैंसर विशेषज्ञों ने हाल ही में एक 10 वर्षीय लडक़ी का दाएं जाँघ की हड्?डी (फीमर) केओस्टियोसारकोमा (हड्डी के घातक ट्यूमर) का सफल इलाज किया। सर्जन्स की टीम ने कैपन्ना तकनीक नामक एकदुर्लभ प्रक्रिया को संशोधित करके इस बच्ची का इलाज किया। इस बच्ची को पहले बोन कैंसर के लिए कीमोथेरेपी दी गयी थी, जिससे उससे लाभ नहीं हुआ, इसलिए डॉक्टरों की टीम ने जाँघ की हड्डी को हटाने एवं पुन:निर्माण की योजना बनाई।
जाँघ की हड्डी का पुन:र्निर्माण एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है और इसके लिए बहुत अधिक विशेषज्ञता और विशेषउपकरण की आवश्यकता होती है। डॉक्टरों ने एक संशोधित कैपन्ना तकनीक करने का फैसला किया, जिसमें दोषपूर्ण जाँघ की हड्डी को फीमर बोन एलोग्राफ्ट के साथ संवहनी फीबुला हड्डी के संयोजन से फिर से बनाया जाता है, जो बोन ग्राफ्ट किसी अन्य व्यक्ति से उपलब्ध कराया जाता है।
संवहनी फीबुला हड्डी पुन:र्निर्माण के लिए जैविकी प्रदान करती है जबकि फीमर बोन ग्राफ्ट पुनर्निर्माण के लिए संरचनात्मक सहायता प्रदान करता है। केवल फीबुला हड्डी के साथ पुनर्निर्माण की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि यह फीमर की तुलना में बहुत पतली और कमजोर होती है। जबकि, केवल फीमर ग्राफ्ट के साथ पुन:र्निर्माण के परिणामस्वरूप ग्राफ्ट का अतिक्षय, हड्डी का न जुडऩा और घाव का संक्रमण हो सकता है, विशेष रूप से कैंसर में जहां रोगी को विकिरण दिया जायेगा।


