ऑपरेशन कक्ष से बिना ऑपरेशन मरीज को बाहर निकाला
आपरेशन के दौरान इस्तेमाल किये जाने वाले औजार व उपकरणों का अभाव सिम्स में पिछले दो महीनों से बना हुआ है...

सिम्स में उपकरण की कमी, परिजन ले गए निजी अस्पताल
बिलासपुर। आपरेशन के दौरान इस्तेमाल किये जाने वाले औजार व उपकरणों का अभाव सिम्स में पिछले दो महीनों से बना हुआ है। जिससे मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है। आज ऐसी ही घटना सिम्स में देखने को मिली। जिसमें मरीज को आपरेशन कक्ष में ले जाया गया परंतु डाक्टरों ने उपकरण नहीं होने का हवाला देकर उसका आपरेशन नहीं किया। ऐसे में मरीज के परिजन उसे निजी अस्पताल इलाज के लिये लेकर चले गये।
चिंगराजपारा निवासी छोटू राम 60 वर्ष के पेट में कई दिनों से दर्द था। इससे परेशान होकर वह सिम्स में अपना जांच कराया। तब डाक्टर ने उसे पेट के अतड़ी का आपरेशन कराने की सलाल दी। जिसे आज आपरेशन कक्ष ले जाया गया जहां पता चला उपकरण व औजार नहीं है जिससे उसका आपरेशन नहीं हो सका। सिम्स में आपरेशन व सर्जिकल बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किये जाने वाले उपकरणों का टोंटा है जिसकी वजह से उपचार में डाक्टरों को भी परेशानी हो रही है।
वहीं शासन से कुछ बजट मिले थे जो कि अन्य सामग्री व सामान्य दवाईयों में खर्च हो गये। जिससे कि गंभीर बीमारियों के इलाज में आपरेशन के औजार व अन्य उपकरण नहीं होने से स्टाफ को काफी दिक्कतें हो रही है। वहीं अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को पूर्ण सुविधा नहीं होने से रिफर कर दिया जा रहा है। जिससे गंभीर बीमारी के मरीजों को अपने उपचार के लिए निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है।
सिम्स में बजट कम होने से कई लाखों के सामान व अन्य बुनियादी सुविधाओं की समस्या पिछले दो महीनों से बनी हुई है। वहीं दवाइयों के लिए भी बजट कम मिलने से सर्जिकल दवाईयां सीजीएमएससी से नहीं आई है। जिससे कि मरीजों को महंगी व गंभीर बीमारियों के लिए रेडक्रास व बाहरी मेडिकल से दवाइयां लेनी पड़ रही है। वहीं सोनोग्राफी सेंटर में डाक्टरों के नहीं होने से मरीजों को बैरंग लौटना पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि सिम्स के रेडियोलाजी विभाग के तीन डाक्टरों के नौकरी छोड़ देने से इस विभाग में कामकाज प्रभावित हो रहा है और अब तक रेडियोलाजी विभाग में किसी की नियुक्ति नहीं की गई है न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। जिससे कि मरीजों की जांच प्रभावित हो रही है।


