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होली में लौटने वाले पलायनवादियों से रहना होगा सतर्क

कोरोना महामारी की वजह से अपने गांव और घर लौटने की जद्दोजहद के बावजूद देश के अनलॉक होते ही बड़ी तादाद में लोगों ने छत्तीसगढ़ से पलायन किया है

होली में लौटने वाले पलायनवादियों से रहना होगा सतर्क
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रायपुर। कोरोना महामारी की वजह से अपने गांव और घर लौटने की जद्दोजहद के बावजूद देश के अनलॉक होते ही बड़ी तादाद में लोगों ने छत्तीसगढ़ से पलायन किया है। गांव के साथ प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में काम नहीं मिलने की वजह से लोगों के पलायन की परंपरा बभी भी नहीं टूटी है। प्रदेश के हजारों लोग उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश, गुजरात सहित कई प्रांतों में जाकर मजदूरी करते हैं।

त्यौहारों के ठीक पहले ऐसे पलायनवादी अपने गांव घर को लौटने लगते हैं। बीते सालों की तुलना में इस बार पलायनवादियों की संख्या भले ही एक चौथाई थी, लेकिन जो लोग निकले ह, वे लौटेंगे इससे इंकार नहीं किया जा सकता।उल्लेखनीय है कि महाराष्ट, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में कोरोना ने फिर से जोरदार तरीके से वापसी की है और रोज नए मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में पलायनवादियों का लौटना छत्तीसगढ़ को एक बार फिर बड़ी मुसीबत में डाल सकता है।

बता दें कि देश के जिन 5 राज्यों में कोरोना के खतरे को ज्यादा बताया गया है उसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है। बीते दो दिनों के रिकार्ड में राजधानी रायपुर और दुर्ग में कोरोना मरीजों के बढऩे का रिकार्ड फिर से दर्ज हुआ है। बता दें कि 28 मार्च को होली मनाया जाएगा। इससे पहले उपरोक्त राज्यों में रोजी मजदूरी के लिए गए लोगों के लौटने का क्रम शुरू हो चुका है। लिहाजा बेहद जरूरी है कि ऐसे लोगों को प्रदेश में दाखिल होने से पहले चरंटाइन किया जाए और पूर्व की भांति 14 दिनों तक इन्हें प्रदेश के लोगों से दूरी बनाए रखे जाने के लिए निर्देशित किया जाए अन्यथा एक बार फिर छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर बढऩे के पूरे आसार है।

भुगत चुके हैं दिवाली में

गौर करने वाली बात है कि ठीक दिवाली के पहले प्रदेश को पूरी तरह से अनलॉक कर दिया गया था जबकि उस समय प्रदेश में कोरोना अपने पूरे वेग में था। इसका नतीजा सामने आया और बड़ी तादाद में लोग कोरोना की चपेट में आ गए। वहीं इस कोरोना की वजह से मौतों के आंकड़े भी जबरदस्त तरीके से बढ़ गए थे। यदि इस बार शासन.प्रशासन ने सतर्कता नहीं बरती तो दोबारा उसी मुसीबत से प्रदेश को गुजरना पड़ सकता है।


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