श्रम विधियों में छूट से उद्योगों को मिलेगी रफ्तार: मौर्य
उत्तर प्रदेश में लाकडाउन के कारण बंद औद्योगिक क्रियाकलापों को पटरी में लाने के लिए सरकार ने कारखानों और विनिर्माण अधिष्ठानों को लागू श्रम अधिनियमों से तीन वर्ष की छूट प्रदान किये जाने का फैसला किया है

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लाकडाउन के कारण बंद औद्योगिक क्रियाकलापों को पटरी में लाने के लिये सरकार ने कारखानों और विनिर्माण अधिष्ठानों को लागू श्रम अधिनियमों से तीन वर्ष की छूट प्रदान किये जाने का फैसला किया है।
श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को यहां पत्रकारों को बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तर प्रदेश कतिपय श्रम विधियों से अस्थायी छूट अध्यादेश, 2020 के प्रारूप को मंजूरी दे दी है।
उन्होने बताया कि कोविड-19 के प्रकोप ने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्रियाकलापों और आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। इसके चलते श्रमिकों के हितों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। लाॅकडाउन की लम्बी अवधि में औद्योगिक प्रतिष्ठान, कारखाने व उनसे जुड़े औद्योगिक क्रियाकलाप तथा उत्पादन लगभग बन्द रहे हैं। औद्योगिक क्रियाकलापों व आर्थिक गतिविधियों को पुनः पटरी पर लाने हेतु प्रदेश में नये औद्योगिक निवेश के अवसर पैदा करने होंगे तथा पूर्व से स्थापित पुराने औद्योगिक प्रतिष्ठानों व कारखानों में औद्योगिक क्रियाकलापों एवं उत्पादन आदि को गति प्रदान करनी होगी।
श्री मौर्य ने कहा कि नये औद्योगिक निवेश, नये औद्योगिक प्रतिष्ठान व कारखाने स्थापित करने एवं पूर्व से स्थापित पुराने औद्योगिक प्रतिष्ठानों व कारखानों आदि के लिये प्रदेश में लागू श्रम विधियों से कुछ अवधि के लिये अस्थायी रूप से उन्हें छूट प्रदान करनी होगी। इसलिये अगले तीन वर्ष की अवधि के लिए राज्य में लागू श्रम अधिनियमों में अस्थायी छूट प्रदान किया जाना आवश्यक हो गया है। इसके लिये ‘उत्तर प्रदेश कतिपय श्रम विधियों से अस्थायी छूट अध्यादेश, 2020’ लाया गया है।


