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एसोसिएट प्रोफेसर स्तर पर प्रमोशन में पीएचडी से मिले छूट : एनडीटीएफ

शिक्षक संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के उम्मीदवारों ने दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यकारी परिषद और अकादमिक परिषद के चुनाव में अपना नामांकन दाखिल कर किया है

एसोसिएट प्रोफेसर स्तर पर प्रमोशन में पीएचडी से मिले छूट : एनडीटीएफ
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नई दिल्ली। शिक्षक संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के उम्मीदवारों ने दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यकारी परिषद और अकादमिक परिषद के चुनाव में अपना नामांकन दाखिल कर किया है। एनडीटीएफ ने एकेडमिक काउंसिल (ईसी) चुनाव में लगातार दूसरी बार अपने निवर्तमान सदस्य डॉ. वी.एस. नेगी को उम्मीदवार बनाया है। एनडीटीएफ महासचिव डॉ. वी.एस. नेगी के अनुसार, चुनाव में उनका संगठन शिक्षकों के महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है और इनके लिए निरन्तर प्रयासरत है।

उन्होंने बताया कि कॉलेजों में एसोसिएट प्रोफेसर के स्तर पर प्रमोशन में पीएचडी से छूट, प्रमोशन में ओरियंटेशन व रिफ्रेशर कोर्स से छूट, प्रोफेसर के लिए शोधपत्र में राहत, एसोसिएट प्रोफेसर की प्रमोशन तक तदर्थ सेवा का लाभ जैसे मुद्दों के समाधान के लिए लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

एनडीटीएफ के अध्यक्ष ने बताया कि उनके संगठन ने दस साल से अधिक समय तक लंबित पड़ी प्रमोशन की शुरुआत कराने में सार्थक भूमिका निभाई है। इसके परिणामस्वरूप दिल्ली विश्वविद्यालय में लगभग तीन हजार शिक्षकों के प्रमोशन हो चुके हैं। अभी एसोसिएट प्रोफेसर स्तर तक प्रमोशन हो रहा है। विश्वविद्यालय के विभागों में भी सीनियर प्रोफेसर के लिए प्रमोशन की प्रक्रिया हो चुकी है। जल्द ही इसके और गति पकड़ने की संभावना है। शीघ्र ही कॉलेजों में प्रोफेसर बनने की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है।

उनके अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षकों की सेवा शर्तों और सरकारी अनुदान के मामले में उनका संगठन किसी भी रूप में समझौते के मूड में नहीं है। जहां तक विद्यार्थियों को बेहतर विकल्प और सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात है तो संगठन नई शिक्षा नीति का समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि एनडीटीएफ इंस्टीट्यूट ऑफ एमीनेंस में शिक्षक और शोधकर्ताओं की भूमिका बढ़ाने का पक्षधर है। किसी भी हालत में शिक्षकों के हितों को लेकर नई शिक्षा नीति से समझौता नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि एनडीटीएफ के चुनावी एजेंडे की प्राथमिकता में तदर्थ शिक्षकों के समायोजन और स्थायित्व, छठे वेतन आयोग की विसंगतियां, सातवें वेतन आयोग की एनोमली, दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित कॉलेजों में वेतन एवं ग्रांट की समस्या सहित अनेक शिक्षा से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।

अकादमिक परिषद के लिए संगठन ने सात सदस्यीय पैनल को चुनावी मैदान में उतारा है, जिसमें एआरएसडी कॉलेज में राजनीति विज्ञान के शिक्षक डॉ. शंभूनाथ दुबे, दयाल सिंह कॉलेज में राजनीति विज्ञान के सुनील कुमार शर्मा, श्यामलाल कॉलेज में कॉमर्स विभाग के डॉ. अशोक कुमार यादव, कालिंदी कॉलेज में कॉमर्स विभाग की शिक्षिका डॉ. नैना हसीजा, विधि विभाग से डॉ. नरेंद्र बिश्नोई, जाकिर हुसैन में हिंदी विभाग से डॉ. अनिल शर्मा और हिंदू कॉलेज में केमिस्ट्री विभाग के डॉ. सुदर्शन कुमार शामिल हैं।


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