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आबकारी नीति मामला : दिल्ली की अदालत ने सिसोदिया के खिलाफ ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर लिया संज्ञान

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया

आबकारी नीति मामला : दिल्ली की अदालत ने सिसोदिया के खिलाफ ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर लिया संज्ञान
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नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने 19 मई को आदेश सुरक्षित रखने के बाद संज्ञान लिया है। इसके बाद अदालत ने सिसोदिया को एक जून के लिए समन जारी किया। इसी अदालत ने 23 मई को ईडी मामले में सिसोजिया की न्यायिक हिरासत उसी तारीख के लिए बढ़ा दी थी।

अदालत ने 27 मई को सीबीआई की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए सिसोदिया और तीन अन्य को दो जून के लिए समन जारी किया था। 12 मई को सीबीआई मामले में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत भी उसी तारीख के लिए बढ़ा दी गई थी।

इस साल 26 फरवरी को सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया था, इसके बाद ईडी ने नौ मार्च को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। विशेष लोक अभियोजक नवीन कुमार मट्टा ने चार्जशीट दायर की है जो 2,100 से अधिक पन्नों की है।

इससे पहले मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई द्वारा जांच की जा रही आबकारी नीति मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने 11 मई को जमानत याचिका सुरक्षित रखने के बाद आदेश सुनाया। न्यायाधीश ने कहा कि आरोप काफी गंभीर है कि उन्होंने दक्षिण समूह के कहने पर आबकारी नीति अनुचित लाभ देने के इरादे से बनाई गई थी।

सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करते हुए न्यायाधीश ने यह भी कहा था कि आप नेता एक प्रभावशाली व्यक्ति है और वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

सिसोदिया ने विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल के 31 मार्च को उन्हें जमानत देने से इनकार करने के आदेश को चुनौती दी थी।


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