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मिसाल : तिहाड़ में हिंदू-मुस्लिम कैदी साथ-साथ बने रोजेदार

तिहाड़ जेल में एक से एक खूंखार कैदियों की जमावड़ा है। इसके बाद भी यहां इन दिनों चर्चा में बना हुआ है

मिसाल : तिहाड़ में हिंदू-मुस्लिम कैदी साथ-साथ बने रोजेदार
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नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में एक से एक खूंखार कैदियों की जमावड़ा है। इसके बाद भी यहां इन दिनों चर्चा में बना हुआ है हिंदू-मुस्लिम के बीच रोजेदारी की साझेदारी। तिहाड़ सहित दिल्ली राज्य की बाकी दोनों जेलों में भी मुस्लिम कैदियों के साथ हजारों हिंदू कैदियों ने भी रोजे रखे हैं। इस सौहार्द को चरम पर पहुंचाने का काम कर रहा है तिहाड़ जेल प्रशासन।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली की तिहाड़ जेल में तो हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल कैदियों ने कायम हर बार की तरह की ही है। इस बार मंडोली और रोहिणी जेल के हिंदू कैदियों ने मुस्लिम कैदियों के साथ मिलकर रोजे रखे हैं। ऐसे हिंदू कैदियों की करीब 2000 के आसपास संख्या है। हालांकि इन जेलों में 25 अप्रैल से शुरू रमजान के शुरुआती दिनों में 30 अप्रैल तक रोजेदारों की संख्या कम थी। मौजूदा वक्त में तिहाड़ की ही 9 जेलों में 1500 कैदी रोजे रख रहे हैं। जबकि रोहिणी और मंडोली जेल में इनकी संख्या 2000 के आसपास बताई जाती है। इन दो हजार में 125 के आसपास वो हिंदू कैदी हैं जो रमजान के महीने में रोजे रख रहे हैं।

इन रोजेदार कैदियों को जेल में रोजा खोलने के भी विशेष इंतजाम किये गये हैं। हर जेल कैंटीन में रोजा खोलने के लिए खजूर, फल, मिठाई जैसा जरूरी सामान मुहैया कराया गया है। इतना ही नहीं रोजेदारों को रोजा खोलने के वक्त विशेष भोजन का भी इंतजाम किया गया है। जेल सूत्रों के मुताबिक, बहुत से कैदियों ने तो जेल में मौजूद सिलाई करने वाले कैदियों से अपने लिए नये कपड़े भी तैयार करवाना शुरू कर दिया है। ताकि ईद का पर्व सौहार्दपूर्वक मनाया जा सके।

शुक्रवार देर रात इस बारे में आईएएनएस ने दिल्ली राज्य के जेल महानिदेशक संदीप गोयल से बात की। उन्होंने कहा, "यह इंतजाम इस महीने में हर साल किये जाते थे। इस बार भी विशेष तौर पर इन इंतजामों का प्रबंधन जेल प्रशासन ने किया है। ताकि किसी भी रोजेदार को किसी चीज की कमी जेल परिसर में महसूस न हो। सभी जेल कैंटीन संचालकों को भी कह दिया गया है कि, रोजेदारों की जरुरत का हर सामान वे उपलब्ध रखें।"


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