सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय रेप कांड की जांच: कांग्रेस
कांग्रेस ने बिहार सरकार पर राज्य के मुजफ्फरपुर अल्पावास गृह में बालिकाओं के यौन शोषण के आरोपी को बचाने का आरोप लगाते हुए मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने बिहार सरकार पर राज्य के मुजफ्फरपुर अल्पावास गृह में बालिकाओं के यौन शोषण के आरोपी को बचाने का आरोप लगाते हुए मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने तथा आरोपों के घेरे में आए अन्य सभी बाल गृहों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की आज मांग की।
AICC Press briefing by @shaktisinhgohil on the Muzzafarpur shelter rape case. https://t.co/EkHtobQnIE
— Congress (@INCIndia) July 28, 2018
कांग्रेस प्रवक्त तथा बिहार के प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल एवं प्रियंका चतुर्वेदी, बिहार से पार्टी की लोकसभा सदस्य रंजीत रंजन तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी ने यहां पार्टी मुख्यालय में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार समाज कल्याण विभाग द्वारा सरकारी सहायता से राज्य के 38 जिलों में चलने वाले 110 अल्पावास गृहों के ऑडिट कराया जिसने खुलासा किया है कि मुजफ्फरपुर के अल्पावास गृह सहित राज्य के कुल 15 बाल संरक्षण गृहों में बच्चियों का यौन शोषण हुआ है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले इस मामले को दबाने का प्रयास किया लेकिन जब मामला बिहार से लेकर संसद तक गूंजा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दबाव में आये और उन्होंने मुजफ्फरपुर मामले में प्राथमिकी दर्ज कर इसकी जांच का कार्य सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में आरोपी राज्य की समाज कल्याण मंत्री का पति है और नीतीश सरकार उसे बचाने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मुजफ्फरपुर अल्पावास गृह को सरकार से आर्थिक सहायता मिलती है और वहां बच्चियों के साथ बलात्कार की शिकायत के बाद जब मेडिकल परीक्षण कराया गया तो 42 में से 29 बच्चियों के साथ बलात्कार होने की पुष्टि हुई है और शेष को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। बलात्कार की शिकार हुई ज्यादातर बच्चियों की उम्र सात से 14 साल है। जांच से पता चला की इस गृह की कम से कम तीन बच्चियों का गर्भपात कराया गया और तीन अन्य गर्भवती हैं।


