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धोखाधड़ी मामले में पूर्व रजिस्ट्रार को 2 साल की कारावास

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को एक धोखाधड़ी के मामले में सहकारी समितियों के पूर्व रजिस्ट्रार आर. के. श्रीवास्तव और पूर्व उप रजिस्ट्रार पदम दत्त शर्मा को दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई

धोखाधड़ी मामले में पूर्व रजिस्ट्रार को 2 साल की कारावास
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नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को एक धोखाधड़ी के मामले में सहकारी समितियों (को-ऑपरेटिव सोसायटी) के पूर्व रजिस्ट्रार आर. के. श्रीवास्तव और पूर्व उप रजिस्ट्रार पदम दत्त शर्मा को दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक पर 35,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

इसके अलावा अदालत ने दो पूर्व अधिकारियों सुभाष चंद्र और मयंक गोस्वामी को चार साल के कठोर कारावास के साथ ही प्रत्येक पर 25,000 रुपये का जुमार्ना ठोंका, जबकि अश्वनी शर्मा को चार साल कठोर कारावास के साथ 30,000 रुपये के जुमार्ने की सजा सुनाई।

सीबीआई ने चंद्र और अन्य के खिलाफ अक्टूबर 2006 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों पर एक मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने नई दिल्ली में सहकारी समितियों के अधिकारियों के साथ आपराधिक साजिश रची थी। उनके खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर श्री राधाकृष्ण को-ऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड के पुनरुद्धार के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी।

जांच के दौरान यह पता चला कि जब धोखाधड़ी हुई तब 1984 बैच के आईएएस अधिकारी श्रीवास्तव रजिस्ट्रार, आरसीएस के तौर पर नई दिल्ली में तैनात थे। आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर झूठे और मनगढ़ंत दस्तावेजों के आधार पर श्री राधाकृष्ण सहकारी समूह हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड को फर्जी तरीके से पुनर्जीवित किया।

सीबीआई ने सीबीआई मामलों के लिए विशेष न्यायाधीश की अदालत में 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।


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