किसानों के विकास के लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत: कलराज मिश्र
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में विकास के जरिए राज्यों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ ही किसानों की समृद्धि और विकास के लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत

जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में विकास के जरिए राज्यों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ ही किसानों की समृद्धि और विकास के लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है।
कलराज मिश्र आज राजभवन से महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के चैदहवें दीक्षान्त समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश में स्थान-विशेष में पानी की उपलब्धता, जलवायु और मिट्टी की उर्वरा शक्ति के हिसाब से खेतों में बोए जाने वाले उन्नत बीजों पर कार्य करने, किसानों को प्रसार शिक्षा के तहत आधुनिक कृषि तकनीक, ज्ञान से निरन्तर लाभान्वित किए जाने का भी विश्वविद्यालयों से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमारा पूरा प्रयास यह होना चाहिए कि कैसे किसानों को कृषि से अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा कृषि और कृषकों के विकास के लिए उठाये गए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि खेत और किसान समृद्धि के लिए किए जा रहे कार्यों को किसानों तक अधिकाधिक पहुंचाया जाए।
उन्होंने कहा कि कृषि के जरिए अर्थव्यवस्था के विकास के लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कृषि शिक्षण, अनुसंधान व प्रसार गतिविधियों की दक्षता वृद्धि के लिए अधिक से अधिक किए जाने पर भी जोर दिया।
कलराज मिश्र ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय कृषि क्षेत्र की वर्तमान, प्रत्याशित और अप्रत्याशित समस्याओं का कारगर ढंग से समाधान करने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कृषि अनुसंधान की ऐसी संस्कृति को प्रोत्साहन दे जिसमें वैज्ञानिक ज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपयोग से खेती और इसे करने वाले किसानों का व्यापक स्तर पर भला हो सके।
उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय की सफलता शिक्षण के अलावा वहां की अनुसंधान एवं प्रसार की सफलताओं से भी आंकी जाती है। इसलिए जरूरी यह भी है कि आर्टिफिसिअल इंटेलीजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों से फसल उत्पादकता को बढ़ाए जाने के प्रयासों के साथ ही फसल कटाई, प्रसंस्करण और विपणन में सुधार के प्रभावी प्रयासों को भी कृषि विश्वविद्यालय किसानों तक पहुंचाए।


