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प्रत्येक व्यक्ति को विकास के समान अवसर मिले: कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संवेदनशील , समरस और ऐसे समाज के निर्माण पर जोर दिया है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को विकास के समान अवसर मिले और वह अपने आप को सशक्त महसूस करे। 

प्रत्येक व्यक्ति को विकास के समान अवसर मिले: कोविंद
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नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संवेदनशील , समरस और ऐसे समाज के निर्माण पर जोर दिया है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को विकास के समान अवसर मिले और वह अपने आप को सशक्त महसूस करे।

कोविंद ने आज यहां दिव्यांग जनों के सशक्तीकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि देश का भविष्य उसके नागरिकों के सशक्तीकरण पर निर्भर है । ‘ सबका साथ सबका विकास ’ की धारणा पर आगे बढते हुए सभी को इस बात के लिए प्रतिबद्ध होना होगा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को उसके विकास के लिए समान अवसर मिलें। इसके लिए ऐसे संवेदनशील तथा समरस समाज का निर्माण जरूरी है जहां हर कोई सशक्त महसूस करे तथा जहां किसी एक का दर्द सबको समान रूप से महसूस हो। उन्होंने कहा कि इस भावना से देश मजबूत होगा।

उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर उसके जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है और इसी दिशा में सरकार दिव्यांग जनों के लिए रोजगार सृजन की योजना चला रही है जिसमें आरक्षण की व्यवस्था की गयी है।

दिव्यांग जनों के लिए रिक्त पदों पर तेजी से नियुक्ति की जा रही है यह नये भारत की नयी सोच को दर्शाता है। इसी के चलते दिव्यांग कलेक्टर , इंजीनियर , राजनयिक , डॉक्टर और वैज्ञानिक बनकर देश के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं। सरकार की वर्ष 2022 तक 25 लाख दिव्यांग जनों को रोजगार प्रदान करने की योजना है।


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