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पुणे की पिच पर हैं सभी की नजरें

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट संघ (एमसीए) स्टेडियम में गुरुवार से शुरू होगा

पुणे की पिच पर हैं सभी की नजरें
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नई दिल्ली। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट संघ (एमसीए) स्टेडियम में गुरुवार से शुरू होगा। यह इस मैदान पर दूसरा ही टेस्ट मैच होगा, लेकिन सभी की नजरें इस स्टेडियम की पिच पर हैं। सभी बेसब्री से देखना चाहते हैं कि पुणे की विकेट कैसा खेलती है? यह सवाल क्यों उठ रहा है, इसके लिए अतीत में जाना जरूरी है। इस मैदान पर पहला और अभी तक का इकलौता टेस्ट मैच 23 फरवरी, 2017 में खेला गया था, लेकिन सिर्फ तीन दिन यानी 25 फरवरी को ही खत्म हो गया था।

बात तीन दिन में मैच खत्म होने की नहीं है, बल्कि इस मैच में विकेट का जो व्यवहार रहा था उसकी है। पिच ने स्पिनरों की खूब मदद की थी और नतीजा यह रहा था कि आस्ट्रेलिया के स्टीव ओ कीफ भारत के रवीचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा पर हावी रहते हुए अपनी टीम को जीत दिला ले गए थे।

भारत ने 2017 में इस मैदान पर खेले गए मैच की पहली पारी में सिर्फ 105 और दूसरी पारी में सिर्फ 107 रन बनाए थे। स्टीव ओ कीफ ने दोनों पारियों में छह-छह विकेट लिए थे। अश्विन ने पहली पारी में तीन और दूसरी पारी में चार विकेट लिए थे। जडेजा ने पहली और दूसरी पारी में क्रमश: दो और तीन विकेट लिए थे।

तीन दिन में मैच जीत कर आस्ट्रेलिया ने सीरीज में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी, लेकिन इस पिच को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 'खराब' पिच का दर्जा दिया था।

अब यह मैदान अपना दूसरा मैच आयोजित करने को तैयार है। ऐसे में एक बार फिर सवाल यह है कि क्या पिच एक बार फिर स्पिनरों की मददगार रहेगी या पहले जो हुआ उससे सीख लेते हुए मैदानकर्मी बेहतर पिच बनाएंगे?

पिच के संबंध में आईएएनएस ने जब इस स्टेडियम के पिच क्यूरेटर पांडुरंग सलगांवकर से फोन पर बात करनी चाही तो पता चला कि वह अपना मोबाइल घर पर ही भूल गए हैं।

यह वही सलगांवकर हैं, जिन्हें एक स्टिंग ऑपरेशन में पकड़ा गया था और फिर एमसीए तथा आईसीसी ने उन्हें छह महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।

पिच क्यूरेटर नहीं चाहेंगे कि उनके द्वारा बनाई गई पिच लगातार दूसरी बार किसी तरह के विवादों में आए। पिच के निर्माण में वह बेशक एहतियात बरतना चाहेंगे और कोशिश करेंगे कि आईसीसी के मापदंडों को ध्यान में रखते हुए पिच का निर्माण करें।

बहरहाल, जहां एक तरफ नजरें पिच के व्यवहार को जानने को व्याकुल हैं, वहीं मौसम भी लुका-छुपी खेल सकता है। मंगलवार को पुणे में बारिश हुई है और बुधवार सुबह भी बारिश पड़ी है। मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक, मौसम विभाग ने भी अगले दो-तीन दिनों तक बारिश की आशंका जताई है।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इस पिच ने 2013 में पदार्पण किया था। इसे घरेलू क्रिकेट में फ्लैट पिच माना जाता है। वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो की एक रिपोर्ट में मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, बीते 26 प्रथम श्रेणी मैचों में से इस मैदान पर 10 खिलाड़ियों ने 150 से ज्यादा का निजी स्कोर किया है। इसके अलाव, तीन दोहरे और दो तिहरे शतक भी इस मैदान पर लग चुके हैं। 26 में से 13 मैच ड्रॉ पर समाप्त हुए हैं।

इस मैदान ने अभी तक चार वनडे अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेजबानी की है, जिसमें से तीन में पहली पारी में 280 से ज्यादा का स्कोर बना है। ये आंकड़े बताते हैं कि यहां बल्लेबाजों का बोलबाला रहा है। आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में हालांकि इस पिच ने उलटा व्यवहार किया था।

वहीं अगर भारतीय टीम की बात की जाए तो टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि भारतीय टीम का लक्ष्य दुनिया की नंबर-1 टीम बनना है, जो किसी भी विकेट पर कहीं भी खेल सके और इसलिए वे किसी तरह की पिच की मांग नहीं करते।

अरुण ने कहा, "हम किसी एक प्रकार के पिच की मांग नहीं करते। हमारा लक्ष्य दुनिया की नंबर-1 टीम बनना है और हमें जो भी विकेट मिलती है हम उसे स्वीकार कर लेते हैं। यहां तक कि जब हम विदेश जाते हैं, तब भी हम विकेट को कम देखते हैं।"

अब देखना होगा कि पुणे की पिच का ऊंठ किस करवट बैठता है।


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