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कोरोना में भी रईसों ने अरबों की दौलत कमाई : येचुरी

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने यहां रविवार को कहा कि इस महामारी के दौर में भी रईसों की कंपनियों ने वैक्सीन के जरिए अरबों की दौलत कमाई है

कोरोना में भी रईसों ने अरबों की दौलत कमाई : येचुरी
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भोपाल। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने यहां रविवार को कहा कि इस महामारी के दौर में भी रईसों की कंपनियों ने वैक्सीन के जरिए अरबों की दौलत कमाई है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में माकपा के 16वें राज्य सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए येचुरी ने कहा, "दुनिया के रईस देश अपने और अपनी कंपनियों के छप्परफाड़ मुनाफों के लिए दुनियाभर की मानवता को खतरे में डाल रहे हैं। कोरोना की महामारी के दौर में भी वैक्सीन से पेटेंट की रॉयल्टी कम करने की बजाय वे उसे इतना महंगा कर रहे हैं कि कई गरीब देश उसे खरीद ही नहीं पा रहे हैं। नतीजा यह निकला है कि इस महामारी के दौर में गरीबी और बेरोजगारी बेलगाम तरीके से बढ़ी है, वहीं भारत सहित दुनिया के खरबपतियों की दौलत में विराट इजाफा हुआ है।"

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति से बाहर आने के लिए सरकारें जो राहत पैकेज - स्टिमुलस पैकेज - घोषित कर रही हैं वह भी सीधे इन्हीं खरबपतियों की तिजोरी में जा रहा है। इसके चलते एक तरफ भुखमरी और मौतें बढ़ रही हैं तो दूसरी तरफ सट्टा बाजार आसमान छू रहा है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका की अगुआई में साम्राज्यवादी देश कोरोना के बाद की दुनिया पर कब्जा जमाने की साजिशें रच रहे हैं। जिन समाजवादी देशों ने इस आपदा पर काबू पाकर अपनी जनता की हिफाजत की और अर्थव्यवस्था को काबू में बनाए रखा, उनकी घेराबंदी करने की कोशिश की जा रही है। मोदी की अगुआई वाली भारत सरकार इन दिनों दुनियाभर में अमेरिक की कठपुतली के रूप में जाना जाने लगा है।

देश की स्थिति का जिक्र करते हुए येचुरी ने कहा कि 2019 के बाद फिर से सत्ता में आने के बाद से मोदी निजाम ने भारत की मूल अवधारणा की चारों पहचानों : धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और केंद्र राज्य संबंधों से जुड़े संघीय ढांचे पर हमला कर उसे कमजोर किया है। गैरकानूनी गिरफ्तारियां, जनतंत्र पर प्रतिबन्ध बढ़े हैं। पत्रकारों पर भी देशद्रोह के मुकदमें लगाए जा रहे हैं। महिलाओं, दलितों पर अत्याचार तेज हुए हैं, आदिवासियों की जमीन कॉरपोरेट को सौंपकर इनको उनकी बसाहटों से खदेड़ा जा रहा है। देश की संपदा की तो जैसे लूट ही मची है। अंधाधुंध निजीकरण किया जा रहा है। अपने चहेतों के 11 लाख करोड़ रुपयों के कर्ज माफ कर दिए हैं। जो बैंकों का कर्जा खाकर भाग गए, उनके भी कर्ज माफ किए जा रहे हैं। राजभवनों में आरएसएस के लोगों को बिठाकर राज्य सरकारों के काम में दखलंदाजी की जा रही है।

उन्होंने कहा कि इस बीच जनता के आंदोलन और संघर्ष भी बढ़े हैं। पिछले चार वर्षों में मजदूरों ने तीन राष्ट्रव्यापी हड़तालें की हैं। किसानों ने एक साल तक ऐतिहासिक आंदोलन करके जीता है। महिला, छात्र युवा सभी मिलकर लड़े हैं। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी देश और उसकी जनता को बचाने के इन संघर्षों को आगे बढ़ाएगी, इनमें और लोगों तथा तबकों की भागीदारी बढ़ाकर और व्यापक बनाएगी। छोटे उद्योग धंधे भी संकट में पड़े हैं, उनके लिए भी मांगें उठाई जाएंगी।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी आने वाले दिनों में एक ऐसा मोर्चा बनाएगी जो इन सब मामलों में आम राय रखते हों और देश की जनता को मोदी के कार्पोरेटी हिंदुत्व वाले राज से मुक्ति दिलाएगी। इस काम को सही तरीके से अंजाम देना है तो सीपीएम और वामपंथ की बाकी ताकतों को मजबूत होना होगा।

राज्य सम्मेलन की शुरुआत वरिष्ठ नेता जे.के. पिप्पल द्वारा झंडारोहण और शहीदों तथा दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। रामप्रकाश त्रिपाठी ने अपने संबोधन से सभी का स्वागत किया।


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