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बिहार विधानसभा चुनाव के बाद भी कांग्रेस में जारी है घमासान

बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के बाद पार्टी को मजबूत करने को लेकर आलाकमान ने बिहार प्रभारी की जिम्मेदारी भले ही भक्त चरण दास को सौंप दी गई हो, लेकिन घमासान जारी है

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद भी कांग्रेस में जारी है घमासान
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पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के बाद पार्टी को मजबूत करने को लेकर आलाकमान ने बिहार प्रभारी की जिम्मेदारी भले ही भक्त चरण दास को सौंप दी गई हो, लेकिन प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ कार्यकर्ताओं का गुस्सा अब प्रभारी को झेलना पड़ रहा है।

फिलहाल कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास राज्य के विभिन्न जिलों के दौरे पर हैं, लेकिन कई जिलों में पार्टी के गुटबाजी के कारण उन्हें फजीहत झेलनी पड़ी है।

दास और प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा जब बक्सर पहुंचे और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक प्रारंभ की तब दो गुटों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। प्रभारी और अध्यक्ष के सामने ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हुई भिड़ंत के बाद पार्टी की अंतर्कलह सामने आ गई।

मदन मोहन झा ने हालांकि कहा कि पार्टी में कोई बड़ा विवाद नहीं है। पार्टी में किसी को किसी तरह की परेशानी है तो शांति से अपनी बात कहना चाहिए।

दास के गोपालगंज के दौरे में भी पार्टी में गुटबाजी सामने आई थी, जब यहां भी बैठक के दौरान हंगामा प्रारंभ हो गया और दो गुट के लोग आमने-सामने आ गए। प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी के सामने ही पार्टी नेताओं पर कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने सहित जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट नही देने का आरोप लगाने लगे।

पार्टी नेताओं ने विधानसभा चुनाव में दूसरे दल के टिकट पर दूसरे नेताओं को जबरन थोपने का आरोप लगाया और उसके साथ हीं पार्टी के प्रत्याशियों ने भी कार्यकर्ताओं को चुनाव में साथ नहीं देने का आरोप लगाया। दोनों पक्षों से आरोप-प्रत्यारोप की वजह से बैठक में जमकर हंगामा होने लगा।

कैमूर जिले में भी कांग्रेस की हालत उस समय बिहार प्रभारी के सामने बेपरदा हो गई जब यहां के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया और पार्टी आलाकमान से प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को बदलने की मांग की।

वैसे, बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से ही बिहार कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के विरोध में कार्यकर्ता आवाज मुखर करते रहे हैं। कई नेताओं पर टिकट बेचने तक के आरोप लग रहे हैं।

इधर, कांग्रेस के नेता और प्रदेश युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार कहते हैं कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है और कुछ लोगों में नाराजगी होना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन, विरोध का अपना तरीका है, इससे अनुशसान भंग हो ऐसा कदापि नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने भी पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्य किए हैं।

उन्होंने प्रदेश प्रभारी से अनुशासन भंग करने वाले कार्यकर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई करने तक की मांग की है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि प्रभारी कार्रवाई करने की अनुशंसा तो करते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती।

वैसे, कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि बिहार प्रभारी भी प्रदेश नेतृत्व से ज्यादा खुश नहीं हैं। ऐसे में बिहार के जिले के दौरा करने के बाद प्रभारी के दिल्ली लौटने के बाद कांग्रेस में फेरबदल की संभावना व्यक्त की जा रही है।


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