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गठन के 19 साल बाद भी जगदलपुर से तय होता है दंतेवाड़ा का मौसम

मौसम के पूर्वानुमान और अन्य जानकारियों के लिए अभी भी दंतेवाड़ा जिला जगदलपुर पर निर्भर है......

गठन के 19 साल बाद भी जगदलपुर से तय होता है दंतेवाड़ा का मौसम
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दंतेवाड़ा। मौसम के पूर्वानुमान और अन्य जानकारियों के लिए अभी भी दंतेवाड़ा जिला जगदलपुर पर निर्भर है। कृषि विभाग और राजस्व अमले के पास यहां कोई तकनीक नहीं है। ऐसे में किसानों को मौसम संबंधित जानकारी के लिए काफी दिक्कत होती है। गीदम के कृषि विज्ञान केन्द्र में स्थापित स्वचलित मौसम वेधशाला भी खराब पड़ी हुई है। कृषि विज्ञान केन्द्र, जगदलपुर से मौसम की जानकारी हासिल करता है।

अपने गठन के लगभग 19 साल बाद भी दंतेवाड़ा जिला मौसम संबंधी किसी भी जानकारी या पूर्वानुमान के लिए आत्म निर्भर नहीं बन पाया है। यह जगदलपुर से आने वाली जानकारी पर ही निर्भर है। बारिश के आंकड़े के लिए स्थानीय स्तर पर तकनीकी व्यवस्था है, लेकिन तापमान और मौसम की आद्र्र्रता व नमी तथा भविष्यवाणी के लिए कोई कारगर व्यवस्था नहीं है। मौसम की जानकारी किसानों के लिए बेहद जरूरी होती है, ऐसे में तकनीकी इंतजाम नहीं होने से किसान अपने पारम्परिक तकनीकों के आधार पर ही मौसम का पूर्वानुमान करते हैं। कई बार मौसम की भविष्य वाणी गैर तकनीकी की वजह से गलत साबित हो जाती है, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है।

दंतेवाड़ा में किसानों को हाईटेक किसानी और अन्य सुविधा देने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना गीदम में की गई है। 10 साल पहले 2007 को करीब 30 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फैला यह केन्द्र किसानों को नई फसलों की जानकारी तो देता है, लेकिन मौसम के बारे में सही जानकारी देना यहां भी संभव नहीं है। कृषि विज्ञान केन्द्र में स्थापित स्वचालित मौसम वेधशाला की इकाई खराब पड़ी है। ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन का उद्घाटन 12 अपै्रल 2012 को इन्द्रा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसके पाटिल ने किया था। पिछले ढाई-तीन साल से तकनीकी खराबी के कारण यह बंद है। यह हैदराबाद से नियंत्रित है और इसका सुधार भी वहीं से हो सकता है, इसी वजह से स्थानीय स्तर पर इसे सुधारने की कोशिश नहीं की जा रही है। संभागीय स्तर पर जगदलपुर से मौसम के आंकड़े हर हफ्ते एकत्र किये जाते हैं और उसी हिसाब से किसानों को जानकारी दी जाती है।

जैविक कृषि सहित अन्य कई क्रांतिकारी बदलाव जिले में किसानी के लिए किये गए, लेकिन मौसम की जानकारी के मामले में ध्यान ही नहीं दिया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र ने भी अपने केम्पस में स्थापित वेध शाला को सुधारने में दिलचस्पी नहीं ली। इस संबंध में कृषि विज्ञान केन्द्र के समन्वयक डॉ. नारायण साहू ने बताया कि मौसम स्टेशन में तकनीकी गड़बड़ी है, जिसे हैदराबाद से ही सुधारा जा सकता है। इसे शीघ्र सुधारा जाएगा। फिलहाल मौसम संबंधी पूरी जानकारी जगदलपुर से बुलवायी जाती है।


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