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यूरोपीय शक्तियों ने ईरानी परमाणु समझौते पर 'बचनबद्धता जारी' रखने का लिया संकल्प

वर्ष 2015 के ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के बाद यूरोपीय शक्तियों ने ईरानी परमाणु समझौते पर अपनी 'बचनबद्धता जारी' रखने का संकल्प लिया है

वाशिंगटन। वर्ष 2015 के ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के बाद यूरोपीय शक्तियों ने ईरानी परमाणु समझौते पर अपनी 'बचनबद्धता जारी' रखने का संकल्प लिया है।

अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते को 'भयावह, एकतरफा' बताया है। ट्रंप के मंगलवार रात के फैसले के बाद ब्रिटेन, फ्रांस व जर्मनी ने अमेरिका से ईरान समझौते के क्रियान्वयन में बाधा नहीं डालने का आग्रह किया है। ईरान समझौते को संयुक्त समग्र कार्ययोजना (जेसीपीओए) नाम से भी जाना जाता है।

उन्होंने कहा कि वे समझौते के दूसरे हस्ताक्षकर्ताओं -रूस व चीन- के साथ समझौते के अनुसार निरंतर काम करना जारी रखेंगे। ईरान 2015 में विश्व शक्तियों के साथ समझौते में आर्थिक प्रतिबंधों में ढील देने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम रोकने पर सहमत हुआ था।

ट्रंप के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि उनकी सरकार अमेरिका के समझौते से हटने के बावजूद विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते के प्रति वचनबद्ध है। लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समझौते के अनुसार ज्यादा समय तक उन्हें लाभ नहीं मिला तो ईरान यूरेनियम संवर्धन को फिर से शुरू करने के लिए तैयार है।

रूहानी ने कहा कि उन्होंने अपने राजनयिकों को समझौते के बाकी के हस्ताक्षरकर्ताओं के साथ बातचीत करने का निर्देश दिया है। इसमें यूरोपीय देश, रूस व चीन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका के बिना भी समझौता बना रह सकता है।

ईरानी विदेशमंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा कि वह 'एक राजनयिक प्रयास का नेतृत्व करेंगे, जिससे यह पता चल सके कि जेसीपीओए के बाकी के भागीदार इसके पूरे लाभ ईरान को सुनिश्चित कर सकेंगे या नहीं।'

अपने टेलीविजन संबोधन में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भयावह, एकतरफा समझौते से अलग हो जाएगा और ईरान के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध बहाल किए जाएंगे।

ट्रंप ने समझौते को बेकार बताया और इसके मूल में गड़बड़ी की बात कही।

हालांकि, अमेरिका के सहयोगी समझौते के साथ मजबूती से खड़े हैं, लेकिन वे भी ईरान के साथ व्यापार को जारी रखने को लेकर नए अमेरिकी प्रतिबंधों के तहत जुर्माना भुगत सकते हैं।


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