यूरोपीय देश अफगानी शरणार्थियों को जबरन नहीं लौटायें: एमनेस्टी इंटरनेशनल
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने यूरोपीय देशों से आग्रह किया है कि वे अफगानी शरणार्थियों को जबरन स्वदेश भेजना बंद करें
काबुल। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने यूरोपीय देशों से आग्रह किया है कि वे अफगानी शरणार्थियों को जबरन स्वदेश भेजना बंद करें क्योंकि आतंकवाद से गंभीर रूप से प्रभावित अफगानिस्तान उनके लिए सुरक्षित नहीं है तभी उन लोगों ने अपना घर-बार छोड़कर पलायन किया है। इस मानवाधिकार संगठन ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी करके कहा कि हाल के वर्षों में राजधानी काबुल सहित पूरे अफगानिस्तान में आतंकवाद की घटाएं बढ़ी हैं।
प्रवासियों और शरणार्थियों के अधिकारों पर काम करने वाली एमनेस्टी इंटरनेशनल की एना शेया ने यहां कहा,“ अफगानिस्तान में तालिबान लगातार अपना प्रभाव बढ़ा रहा है और आए दिन देश में आत्मघाती हमले हो रहे हैं। ऐसे में यूरोपीय देशों को उनके देश में शरण लिए लोगों को जबरन अथवा येन-केन प्रकेण भेजना बंद करना चाहिए। जबतक अफगानिस्तान में स्थिति सामान्य और सुरक्षित नहीं हो जाती मानवाधिकार के नाते उन्हें स्वदेश भेजने पर मजबूर नहीं किया जा सकता अथवा उनके साथ जबरदस्ती नहीं की जा सकती।”
उन्होंने कहा कि विदेशी सहायता पर निर्भर रहने के बावजूद अफगानिस्तान को यूरोपीय देशों के इस कदम के साथ सहयोग नहीं करना चाहिए। उसे अपने नागरिकों को जबरन भेजने पर अापत्ति उठाते हुए उनके इस काम में सहभागी बनने से साफ मना कर देना चाहिए। एना ने कहा,“अफगानी शरणार्थियों के लौटाए जाने की घटनाओं में तिगुनी बढ़ोतरी हुयी है।
अफगानिस्तान में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बीच शरणार्थियों को लौटाए जाने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। यूरोपीय देशों में शरण लेने वालों में अफगानी नागरिक सबसे अधिक हैं। उन्हें सुरक्षित माहौल देने की अावश्यकता है। उन्हें जबरन स्वदेश नहीं भेजा जाये।


