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इटावा: 40 हज़ार मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ

 उत्तर प्रदेश के इटावा में आलू के व्यापार से जुड़े लोगों को तीन साल से लगातार करारा घाटा झेलना पड़ रहा है।

इटावा: 40 हज़ार मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ
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इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा में आलू के व्यापार से जुड़े लोगों को तीन साल से लगातार करारा घाटा झेलना पड़ रहा है। पिछले वर्ष करीब कई करोड़ रुपये का घाटा हुआ और इस साल भी हालात जस के तस होने से घाटा कम होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।

जिले में पिछले साल करीब 18 हजार हेक्टेयर में पांच लाख 40 हजार मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ, इसमें करीब 80 हजार मीट्रिक टन आलू बर्बाद हुआ।

आलू उत्पादन में इटावा जिला अग्रणी है। गत वर्ष जिले के 54 शीतगृहों में करीब चार लाख मीट्रिक टन आलू का भण्डारण किया गया।पूर्वात्तर राज्यों में आलू का उत्पादन बढ़ने से वहां इस क्षेत्र के आलू की खपत नहीं रही। इसके अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ सहित अन्य कई प्रान्तों में भी मांग निरंतर कम हो रही है। इससे आलू की मांग न होने से करीब 80 हजार मीट्रिक टन आलू शीतगृहों में रह गया।
शुरूआत में शीतगृह स्वामियों ने नि:शुल्क आलू बांटा। इसके बाद भी बचने पर सड़कों पर फेंका गया।

इटावा जिला उद्यान अधिकारी राजेन्द्र कुमार साहू का कहना है कि भण्डारण का महज पांच फीसद आलू शीतगृहों में रह गया जिसे जमीन में दबाया गया। आलू की पूर्वात्तर राज्यों में पैदावार होने से यह स्थिति है। जब तक जिले में आलू से सम्बंधित उद्योग स्थापित नहीं होगा तब तक हालात नहीं सुधरेंगे। इसलिए किसानों को आलू का उत्पादन कम करना चाहिए। उन्होंने बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस साल करीब एक हजार हेक्टेयर भूमि में आलू का उत्पादन नहीं किया गया है।


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