बैंक रिण प्रकरण में एस्सार स्टील को बड़ा झटका
बैंक रिण प्रकरण मेंउलझे एस्सार स्टील को एक बडा झटका देते हुए एनसीएलटी की अहमदाबाद पीठ ने इसे दिवालिया घोषित कर इस पर बैंकों के बकाया 32800 करोड से अधिक के रिण की वसूली संबंधी याचिकाओं को मंजूर कर लिया
अहमदाबाद। बैंक रिण प्रकरण में उलझे एस्सार स्टील को एक बडा झटका देते हुए राष्ट्रीय कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की अहमदाबाद पीठ ने आज इसे दिवालिया घोषित कर इस पर बैंकों के बकाया 32800 करोड से अधिक के रिण की वसूली संबंधी याचिकाओं को मंजूर कर लिया।
ये याचिका रिण देने वाले वित्त संगठनों के गठजोड की अगुवाई करने वाले स्टेट बैंक और लंदन आधारित स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की ओर से अलग अलग दाखिल की गयी थीं।
न्यायाधिकरण ने एस्सार स्टील की ओर से दिवालिया घोषणा प्रक्रिया पर रोक के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया। रिजर्व बैंक ने बैंकों के एनपीए को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत गत 13 जून को एस्सार स्टील समेत 12 कंपनियों के ऐसे खाते जिन पर बैंको का पांच हजार करोड से अधिक का बकाया था और जो कुल मिला कर बैंकों के कुल एनपीए के लगभग एक चौथाई के लिए जिम्मेदार थी, के खिलाफ दिवालिया घोषित कर रिण की वसूली करने वाले इनसॉलवेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 के तहत कार्रवाई करने के निर्देश संबंधित रिणदाता बैंकों को दिये थे।
जून में एनसीएलटी में इसके खिलाफ शुरू हुई प्रक्रिया के खिलाफ कंपनी ने चार जुलाई को गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसने 17 जुलाई को इसे दी गयी अंतरिम राहत हटाते हुए वापस एनसीएलटी में जाने को कहा।
यहां एनसीएसटी की पीठ के जज बिक्की रवीन्द्र बाबू 26 जुलाई तक इस मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया। उन्होंने अपना फैसला सुनाया और इस मामले दो अंतरिम समाधान पेशेवेरों (आईआरपी) की नियुक्ति भी कर दी।
एस्सार स्टील पर कुल 45 हजार करोड के बैंक रिण में से 32864 करोड स्टेट बैंक ऑफ इंडिया तथा स्टैंडर्ड चाटर्ड बैंक (जिसने कंपनी की मॉरिशस आधारित इकाई को 3700 करोड का रिण दिया था)की अगुवाई वाले वित्तीय संस्थाओं के गठजोड ने दिया है, जो इस साल मार्च में एनपीए हो गया था।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि एस्सार स्टील एनसीएसलटी के आज के आदेश के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ एपेलेट ट्रिब्यूनल में अपील करेगी अथवा नहीं।


