ईरा सेझियान का लंबी बीमारी की वजह से निधन
पूर्व सांसद एवं वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी ईरा सेझियान का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे
चेन्नई। पूर्व सांसद एवं वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी ईरा सेझियान का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। 28 अप्रैल 1923 को तत्कालीन मद्रास प्रांत (वर्तमान तमिलनाडु) के थंजावुर जिले के थिरूक्कान्नापुरम में जन्मे सेझियान ने 2001 में सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था लेकिन आम जनता से जुड़ी महत्वपूर्ण मुद्दों पर वह अंग्रेजी और तमिल अखबारों में लिखते रहते थे।
सेझियान ने 1944 में अन्नामलाई विश्वविद्यालय से गणित विषय स्नातक में टॉप किया और उसके बाद वह द्रविड मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के संस्थापक सी.एन. अन्नादुरई से जुड़ गये और उनके बेहद करीबी बन गये।
1962 के आम चुनाव में वह पेरामबालुर से सांसद चुने गये। 39 साल की उम्र में सांसद बनने वाले श्री सेझियान ने जल्द ही संसदीय प्रक्रियाओं और संवैधानिक सम्मेलनों के जानकार के रूप में अपनी पहचान बना ली थी। 1971 से 1973 तक लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने संसद में रिकॉर्ड 96 रिपोर्ट पेश किये।
लोक नायक जयप्रकाश नारायण श्री सेझियान को अपने समय का सबसे अच्छे सांसदों में से एक मानते थे। उन्होंने सेझियान को 1975-77 के आपातकाल के दौरान जन मोर्चा के राष्ट्रीय समन्वय समिति में शामिल किया गया था।
1978 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के अनुरोध पर, तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. एमजीआर ने विधानसभा में अन्नाद्रमुक के समर्थन से उन्हें राज्यसभा भेजा जहां उनकी पहचान संसदीय कार्याें से बनी और कुछ समय वह सदन में जनता पार्टी के नेता भी रहे।
उनकी हाल की पुस्तकों में ‘शाह आयोग रिपोर्ट, लॉस्ट एंड रिगेन्ड’ और ‘पार्लियामेंट फॉर द पीपल’ काे सभी पार्टियों के नेताओं और जनता ने पसंद किया। जून 2008 में पूर्व राष्ट्रपति आर. वेंकटरामन ने अपने संदेश में कहा था कि श्री सेझियान युवा सदस्यों के लिए एक आदर्श है।


