पर्यावरण सेस को निगमों, डीडीए को देने की पेशकश
दिल्ली सरकार ने पर्यावरण सेस के तौर पर वसूले गए करीबन एक हजार करोड़ रुपए को अब दिल्ली के नगर निगमों, दिल्ली विकास प्राधिकरण आदि को प्रदूषण नियंत्रण उपायों पर खर्च करने के लिए देने की पेशकश की है

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने पर्यावरण सेस के तौर पर वसूले गए करीबन एक हजार करोड़ रुपए को अब दिल्ली के नगर निगमों, दिल्ली विकास प्राधिकरण आदि को प्रदूषण नियंत्रण उपायों पर खर्च करने के लिए देने की पेशकश की है।
दिल्ली में मौसम, कम तापमान, हवा की धीमी गति और उच्च नमी मौजूदा धुंध को बढ़ा रही है। पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी के अधिकारियों ने यह जानकारी वायु प्रदूषण पर पर्यावरण मंत्री द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक में दी। पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि वायु प्रदूषण में योगदान करने वाले स्थानीय कारकों को सभी संबंधित एजेंसियों, विभागों द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए।
उन्होंने वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए व्यवहार्य कार्य योजनाओं के लिए दिल्ली सरकार के पर्यावरण सेस में से नगर निगमों, डीडीए आदि को वित्तीय सहायता की पेशकश की है। हुसैन ने खुले में जलने के उदाहरणों को रोकने के लिए राजस्व विभाग के साथ-साथ सभी नगर निगमों द्वारा किए गए कार्यवाही तलब की। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने सूचित किया कि दिल्ली में 33 उप-डिवीजनों के प्रत्येक एसडीएम, तहसीलदार कार्यालय में विशेष रूप से दो सिविल डिफेन्स स्वयंसेवकों को खुले में कचरा जलाने के मामलों का पता लगाने के लिए मुस्तैद किया गया है।
मंत्री ने विभाग को केंद्रीय हेल्पलाइन नंबर को सक्रिय करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे नागरिक कचरा / पत्ती जलाने की सीधे शिकायत कर सकेंगे। डीपीसीसी ने बताया कि इसके लिए पहले ही दो व्हाट्सएप नंबर 9717593501 और 9717593574 चल रहे हैं। सभी संबंधित विभाग, एजेंसियां इन नंबरों से जुड़ी हैं। मंत्री ने निर्देश दिया कि डीपीसीसी द्वारा भेजी शिकायतों पर सभी संबंधित एजेंसियां खुले में कचरा जलाने के मामलों व निर्माण के कारण धूल पर सख्त कार्रवाई करें। नगर निगम के सभी आयुक्तों को उन्होंने कहा कि वह सभी सफाई कर्मचिरियों और बाग के मालियों को तुरंत कहें कि वे बर्बाद, सूखी पत्तियों को न जलाएं व दूसरों को भी इसके लिए रोकें। श्री हुसैन ने भी नगर निगमों को सड़कों और खुले इलाकों में विशेष रूप से अनधिकृत कॉलोनियों में खुले में निर्माण सामग्री को जमा करने से रोकने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे भी प्रदूषण होता है।
उन्होने इस पर सात दिन में नगर निगमों को रिपोर्ट देने को कहा। बैठक के दौरान, नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) ने पेड़ों सहित बागान में पानी छिड़काव, धुलाई के अपने अनुभव को साझा किया इस पर पर्यावरण मंत्री ने अन्य निकायों को भी इस पर विचार करने को कहा। हुसैन ने सभी नगरपालिका निकायों को निर्देश दिया कि वे आरडब्ल्यूए, संस्थानों और बड़े भवन मालिकों आदि को बताएं कि वे सुरक्षा कर्मचारियों को बिजली के हीटर उपलब्ध कराएं ताकि कर्मचारियों को लकड़ी जलाने से प्रदूषण न हो।
उन्होने डीडीए अधिकारियों से कहा कि यमुना किनारे जलाने पर वे निगरानी करें साथ ही लोक निर्माण विभाग को सेंट्रल वर्ज पर पौधारोपण के लिए रखी मिट्टी को हटाने के निर्देश दिए।


