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दर्जनाें आतंकियों की घुसपैठ के बाद फिर शुरू हुआ ‘खोजो और मार डालो’ अभियान कश्मीर में

पिछले दो महीनों के भीतर कश्मीर में उस पार से दर्जनों खतरनाक आतंकी भयानक इरादे लेकर घुस चुके

दर्जनाें आतंकियों की घुसपैठ के बाद फिर शुरू हुआ ‘खोजो और मार डालो’ अभियान कश्मीर में
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--सुरेश एस डुग्गर--

जम्मू। पिछले दो महीनों के भीतर कश्मीर में उस पार से दर्जनों खतरनाक आतंकी भयानक इरादे लेकर घुस चुके हैं। इसकी पुष्टि सुरक्षाधिकारी तथा पुलिस महानिदेशक भी कर रहे हैं। ऐसे में अब इन आतंकियों के सफाए के लिए सुरक्षाबलों ने एक बार फिर संयुक्त तौर पर ‘खोजो और मार डालो’ अभियान को शुरू किया है।

अधिकारियों ने माना है कि सुरक्षाबलों ने कश्मीर वादी में महत्वपूर्ण सैन्य व अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमलों और बीडीसी चुनाव में खलल डालने के लिए सरहद पार से घुसे आतंकियों को मार गिराने के लिए खोजो और मारो अभियान छेड़ा है। इस अभियान के तहत सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त कार्यदल आतंकियों के संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रहे हैं। पुलवामा के अवंतीपोरा में गत मंगलवार को लश्कर के दो आतंकी भी इसी अभियान के तहत मारे गए हैं।

सूत्रों ने बताया कि आतंकियों द्वारा रची जा रही साजिश के अलर्ट के आधार पर चार दिन पहले वादी में सभी सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक भी हुई। इसमें वादी के बदलते राजनीतिक व सुरक्षा परिदृश्य में आतंकियों के खिलाफ नए सिरे से अभियान चलाने की रणनीति बनाई गई है। उन्होंने बताया कि इस बैठक में वादी में आतंकियों के प्रभाव वाले इलाकों को अलग-अलग वर्गाे में बांटकर उनमें सुनियोजित तरीके से खोजो और मारो अभियान चलाने का फैसला लिया गया था। इस अभियान के तहत ग्राउंड इंटेलीजेंस और इलेक्ट्रानिक सर्वेलांस को बढ़ाते हुए सेना, पुलिस व सीआरपीएफ के संयुक्त कार्यदल लगातार संभावित आतंकी ठिकानों पर दबिश दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसी अभियान के तहत गत रोज अवंतीपोर में लश्कर के दो आतंकी मारे गए हैं। ये दोनों आतंकी कथित तौर पर वहां अपने कुछ साथियों के साथ बैठक के लिए आए थे, जो घेराबंदी शुरू होने से पहले ही वहां से निकल गए थे।

सूत्रों के अनुसार, पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित किए जाने से हताश आतंकी संगठन और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने कश्मीर में अफरा-तफरी फैलाने की एक नयी साजिश तैयार की है। इस साजिश के तहत लश्कर, हिज्ब और जैश के आतंकियों को अलग-अलग जगहों पर विध्वंसकारी गतिविधियों का जिम्मा दिया गया है। इसके अलावा महत्वपूर्ण सैन्य व अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने व सनसनीखेज हमलों को अंजाम देने लिए आत्मघाती आतंकियों का भी एक दस्ता किसी तरह एलओसी पार कर घाटी में दाखिल होने हो चुका है।

सूत्रों की माने तो जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आत्मघाती आतंकियों के दो अलग-अलग दस्ते वादी के भीतरी इलाकों में दाखिल हुए हैं। इनमें से एक दस्ता गुरेज सेक्टर के रास्ते आया है, जो इस समय कंगन-श्रीनगर-त्राल रेंज में कहीं छिपा बैठा है। इसके अलावा एक अन्य दस्ता कथित तौर पर गुलमर्ग सब सेक्टर के रास्ते बडगाम और पुलवामा से होते हुए त्राल या फिर शोपियां में कहीं पहुंचा है। इन आतंकियों में से कुछ को ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के बाहरी क्षेत्रों में भी देखा गया है। उन्होंने बताया कि आतंकियों की घुसपैठ और उनके मंसूबों को देखते हुए ही वादी में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया गया है। राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी गत दिनों इस तथ्य की पुष्टि करते हुए कहा था कि कुछ आतंकी घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं और पिछले दिनों जो मुठभेड़ें हुई हैं, वह इस तथ्य की पुष्टि करती हैं।


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