बिहार की सियासत में 'ट्रंप' की एंट्री, सुशील मोदी ने तेजस्वी पर किया कटाक्ष
बिहार की सियासत में शनिवार को डोनाल्ड ट्रम्प के नाम की भी एंट्री हो गई। बिहार की राजनीति में भी अब अमेरिका संसद के बाहर हुई घटना को जोड़कर उदाहरण दिया जा रहा है

पटना। बिहार की सियासत में शनिवार को डोनाल्ड ट्रम्प के नाम की भी एंट्री हो गई। बिहार की राजनीति में भी अब अमेरिका संसद के बाहर हुई घटना को जोड़कर उदाहरण दिया जा रहा है। भाजपा के नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने इशारों ही इशारों पर तेजस्वी यादव का बिना नाम लिए कहा कि, "राजद के 'राजकुमार' का यदि वश चलता तो लाठी में तेल पिलाने वाले अपने समर्थकों को उकसा कर ट्रंप के समान विधानमंडल भवन पर उत्पात मचा सकते थे।"
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, "विधानसभा चुनाव के परिणाम को गलत ढंग से प्रभावित करने के लिए कांग्रेस, राजद ने मीडिया के एक वर्ग में एक्जिट पोल के नाम पर पहले महागठबंधन की जीत का 'परसेप्शन' बनवाया, लेकिन जब वास्तविक परिणाम उनके मनोनुकूल नहीं आये और स्पष्ट बहुमत के साथ राजग की सरकार लौटी, तब सत्ता के जरिये बेनामी सम्पत्तियां बनाने वालों के इरादों पर पानी फिर गया।"
उन्होंने आगे लिखा, "मुख्य विपक्षी दल ने नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार लोकतंत्र में अपनी अनास्था ही प्रकट की थी। यदि उनका वश चलता, तो ईवीएम से 'लालू का जिन्न' न निकलने पर वे लाठी में तेल पिलाने वाले अपने समर्थकों को उकसा कर ट्रम्प के समान विधानमंडल भवन पर उत्पात मचा सकते थे।"
सुशील मोदी ने आगे कहा कि, "नया साल मनाकर बिहार लौटे राजद के 'राजकुमार' को न जनादेश पर विश्वास है, न चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर। वे विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं इसलिए बार-बार मध्यावधि चुनाव का हौव्वा खड़ा कर रहे हैं। वे अपने दुराग्रहपूर्ण अनुमान से ज्यादा सीट पाने वाले दल की उपलब्धि को 'चुनाव आयोग की कृपा' बता कर एक संवैधानिक संस्था की छवि बिगाड़ रहे हैं।


