उद्यमियों ने आईईए के बैनर तले किया विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन
इंडियन इंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन(आईईए) के बैनर तले उद्यमियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पैदल मार्च करते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन शौंपा

-
उद्यमियों व पुलिस के बीच हुई नोकझोंक, जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन
-
प्राधिकरण की तरफ से ई-निलामी जमीन आवंटन का उद्यमियों ने किया विरोध
-
फैक्ट्री में पानी का कनेक्शन नहीं है फिर भी लाखों का भेज दिया जाता है बिल
ग्रेटर नोएडा। इंडियन इंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन(आईईए) के बैनर तले उद्यमियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पैदल मार्च करते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन शौंपा। पैदल मार्च के दौरान उद्यमियों व पुलिस के बीच नोकझोंक हुई। सुविधाओं की मांग को लेकर इंडस्ट्रीज उद्यमियों ने सूरजपुर कलेक्ट्रेट पहुंचकर जमकर किया हंगामा, सुविधा ना मिलने से नाराज हैं उद्यमी, नाराज होकर उद्यमी कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठ गए।
आईईए के अध्यक्ष पी.के. तिवारी ने बताया जिले में विभिन्न प्राधिकरण उद्योगों के लिए कार्यरत हैं, उद्यमी विभिन्न स्तर पर अधिकारियों के मनमाने तरीके से काम करने के कारण परेशान है। इन समस्याओं के कारण यहां के उद्यमियों में काफी रोष है।
जिले में चारों अथॉरिटी में औद्योगिक भूखंडों का आवंटन ई नीलामी प्रक्रिया द्वारा किया जा रहा है जिसमें कुछ प्रॉपर्टी डीलर बोली लगाकर भूखंडों के रेट काफी ऊपर पहुंचा देते हैं जिससे छोटे उद्यमी भूखंड आवंटन की रेस से स्वत ही बाहर हो जाते हैं, अतः आपसे अनुरोध है कि औद्योगिक भूखंडों की नीलामी की प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए एवं छोटे उद्यमियों को भी भूखंड पाने का अवसर दिया जाए। कम से कम 2000 मीटर तक के भूखंडों को नीलामी की प्रक्रिया से बाहर रखा जाय। ऐसे उद्यमियों जिनकी फैक्ट्री में पानी का कनेक्शन नहीं है या क्षेत्र में भी पानी की आपूर्ति नहीं है उनके पानी के बिल माफ किए जाएं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इकोटेक-11 औद्योगिक क्षेत्र को विकसित किया गया है, लेकिन वहां पर ना पानी की व्यवस्था है ना ही सीवर और बिजली के व्यवस्था है और ना कर्मचारियों को लाने लेजाने के लिए यातायात की सुविधाएं। उसके बाद भी प्राधिकरण आवंटी को इकाई क्रियाशील ना करने पर पेनल्टी चक्रवर्ती ब्याज एवं भूखंड निरस्तीकरण जैसी यातनाएं दे रही है, जब प्राधिकरण ने औद्योगिक क्षेत्र ही पूरी तरह से विकसित नहीं किया है तो इकाइयां कैसे क्रियाशील हो सकती हैं ऐसे मामलों को तुरंत संज्ञान में लेकर उनका जुर्माना एव व्याज माफ किया जाए तथा यदि ऐसे कोई प्लॉट निरस्त किए गए हैं तो उनको दोबारा से जीवित किया जाए।
यूपीएसआईडीए के औद्योगिक क्षेत्रों में सड़के टूटी हुई है, सीवर व्यवस्था नहीं है, पानी की आपूर्ति नहीं है, न ही क्षेत्र में कचरा निस्तारण व्यवस्था है, औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने के लिए यातायात की भी कोई सुविधा नहीं है जबकि यह औद्योगिक क्षेत्र लगभग 30 साल से भी पुराना है आपसे अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी गौतमबुध नगर के औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं को तुरंत उपलब्ध कराया जाए। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों के पानी के कनेक्शन ना होने पर भी या औद्योगिक क्षेत्र में पानी की आपूर्ति न होने पर भी उद्यमियों को शुरू से पानी के बिल बनवा कर एवं ब्याज लगाकर अपनी फाइल में लगा लिए जाते हैं तथा आवंटी के पूछने पर ही उसको लाखों रुपए का बिल भेज दिया जाता है।


