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'अभी तो सफर की शुरुआत है, मीलों चलना बाकी है', करियर को लेकर बोले वरुण शर्मा

भारतीय सिनेमा ने पिछले 25 सालों में जिस तेजी से बदलाव देखा है, वह अपने आप में ऐतिहासिक है

अभी तो सफर की शुरुआत है, मीलों चलना बाकी है, करियर को लेकर बोले वरुण शर्मा
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मुंबई। भारतीय सिनेमा ने पिछले 25 सालों में जिस तेजी से बदलाव देखा है, वह अपने आप में ऐतिहासिक है। तकनीक, कहानी कहने के तरीके, दर्शकों की पसंद और फिल्मों के कारोबार, हर स्तर पर सिनेमा ने नया रूप लिया है। इस बदलाव के साथ-साथ कई कलाकारों का सफर भी आगे बढ़ा, जिन्होंने खुद को समय के साथ ढाला और दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई। ऐसे ही कलाकारों में एक नाम अभिनेता वरुण शर्मा का है।

आईएएनएस से बात करते हुए वरुण ने 25 सालों में आए भारतीय सिनेमा में बदलाव और अपने करियर को लेकर खुलकर बात की, साथ ही अपने अनुभव भी साझा किए।

आईएएनएस से बात करते हुए वरुण शर्मा ने कहा, ''सिनेमा में मेरा अब तक का सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। एक अभिनेता के रूप में मुझे अलग-अलग तरह के किरदार निभाने का मौका मिला और दर्शकों ने हर बार मुझे खुले दिल से अपनाया। मैं किसी एक तरह के रोल में बंधकर नहीं रहा। अपने करियर में एक कलाकार के रूप में लगातार आगे बढ़ता रहा हूं।''

वरुण शर्मा ने कहा, "पिछले 25 साल भारतीय सिनेमा के लिए बदलावों से भरे रहे हैं। हिंदी सिनेमा में कहानी कहने का तरीका बदला है, पुराने जॉनर को नए अंदाज में पेश किया गया, नए टॉपिक आए और निर्देशकों ने अपनी अलग पहचान बनाई है। इसके साथ ही तकनीकी स्तर पर भी बड़ा बदलाव देखने को मिला। कैमरा, साउंड, एडिटिंग, वीएफएक्स और बाकी सभी स्तर पर भी जबरदस्त ग्रोथ देखने को मिली है।"

बॉक्स ऑफिस के बदलते स्वरूप पर बात करते हुए वरुण शर्मा ने कहा, ''100 करोड़ रुपए की कमाई का आंकड़ा एक नया पैमाना बन गया। इससे फिल्मों की सफलता को देखने का नजरिया बदल गया। अब सिर्फ फिल्म देखने वाले दर्शक ही नहीं, बल्कि इंडस्ट्री से बाहर के लोग भी फिल्मों के कारोबार में दिलचस्पी लेने लगे हैं। इससे सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक बड़े व्यवसाय के रूप में भी सामने आया है।''

वरुण ने कहा, ''भारतीय सिनेमा की एक बड़ी उपलब्धि यह रही है कि उसने अपनी स्थानीय जड़ों से जुड़े रहते हुए वैश्विक पहचान बनाई है। हमारी कहानियां, संस्कृति और भावनाएं जब सच्चाई के साथ पेश की गईं, तो दुनिया भर के दर्शकों ने उन्हें अपनाया। आज भारतीय फिल्में अंतरराष्ट्रीय मंच पर देखी और सराही जा रही हैं, यह एक गर्व की बात है।''

उन्होंने कहा, ''अब अभिनेताओं को पुराने किरदारों के आधार पर सीमित नहीं किया जाता। अगर कोई अभिनेता अच्छा है और अपने काम में ईमानदार है, तो उसे हर तरह के रोल और जॉनर में मौका मिलता है। मैं खुद के सफर को अभी भी शुरुआत ही मानता हूं, अभी तो मीलों चलना बाकी है।''

अपने निजी सफर को याद करते हुए वरुण शर्मा ने बताया, ''मैंने 2013 में हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। फिल्म 'फुकरे' में चूचा के किरदार से खास पहचान मिली। जिस तरह दर्शकों ने मेरे अभिनय और फिल्मों को प्यार दिया, वह अनुभव भावुक करने वाला रहा है।''


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