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किस्सा : पंकज त्रिपाठी को कैसे मिला था ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का यादगार किरदार सुल्तान

भारतीय सिनेमा के बेहतरीन अभिनेताओं में शुमार पंकज त्रिपाठी आज अपनी सादगी, नेचुरल एक्टिंग और गहरी अदाकारी के लिए जाने जाते हैं

किस्सा : पंकज त्रिपाठी को कैसे मिला था ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का यादगार किरदार सुल्तान
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मुंबई। भारतीय सिनेमा के बेहतरीन अभिनेताओं में शुमार पंकज त्रिपाठी आज अपनी सादगी, नेचुरल एक्टिंग और गहरी अदाकारी के लिए जाने जाते हैं। छोटे-से गांव से निकलकर बड़े पर्दे तक का उनका सफर बेहद प्रेरणादायक है। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से पहली बार उन्हें मेनस्ट्रीम सिनेमा में नोटिस किया गया था।

इस फिल्म में वो सुल्तान की भूमिका में दिखाई दिए थे। इसके बाद तो वो पर्दे पर हर भूमिका में लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ते चले गए। वेब सीरीज 'मिर्जापुर' में कालीन भैया बनकर उन्होंने पूर्वांचल के बाहुबली का रूप दिखाया, तो 'क्रिमिनल जस्टिस' में माधव मिश्रा जैसे चतुर मगर दिल के अच्छे वकील बन ओटीटी पर छाए।

'स्त्री' के रुद्र भैया का चंदेरी पुराण वाला ज्ञान और कमाल की कॉमेडी ने खूब हंसाया, तो 'सेक्रेड गेम्स' के रहस्यमयी गुरुजी ने हमें उलझाया। 'बरेली की बर्फी' में बेटी को समझने वाले पिता और 'मसान' में एक मासूम रेलवे कर्मचारी के किरदार में पंकज ने हमारी आत्मा को छुआ।

उनकी अदाकारी ऐसी है कि वो हर रोल में इस कदर ढल जाते हैं कि लोगों को उनमें अपनी झलक दिखाई देती है। पंकज त्रिपाठी आज जिस मुकाम पर हैं वहां पहुंचने में एक रोल उनके करियर के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ था।

यह रोल था ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के सुल्तान का, जो लिखा तो किसी और के लिए गया था, लेकिन पंकज त्रिपाठी को ही उसे निभाना था, सो उनकी झोली में आ ही गया।

दरअसल, कई सालों के संघर्ष और छोटी-मोटी भूमिकाओं के बाद पंकज त्रिपाठी को फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में एक छोटा सा किरदार मिला था। वह इस मौके से खुश थे, लेकिन उन्हें शायद ही पता था कि किस्मत ने उनके लिए कुछ बड़ा लिख रखा है।

इसके किरदार 'सुल्तान' को किसी और अभिनेता को दिया गया था, उसके साथ शूटिंग शुरू हो चुकी थी और कुछ सीन शूट भी हो गए थे। लेकिन, निर्देशक अनुराग कश्यप उसकी एक्टिंग से संतुष्ट नहीं थे। उन्हें लग रहा था कि 'सुल्तान' में जो गहराई और क्रूरता चाहिए, वह पर्दे पर नहीं आ पा रही है।

अनुराग कश्यप एक नए अभिनेता की तलाश में थे। एक दिन जब वे सेट पर थे, उन्होंने अचानक देखा कि पंकज त्रिपाठी, जो एक छोटे से सीन के लिए तैयार हो रहे थे, बिलकुल शांत खड़े थे। उनकी आंखें और उनका अंदाज बहुत कुछ कह रहा था। उनकी आंखों में वह ठंडक और गंभीरता थी, जो 'सुल्तान' के किरदार के लिए एकदम सही था।

अनुराग कश्यप ने तुरंत पंकज त्रिपाठी को बुलाया और उनसे पूछा, "क्या तुम यह रोल कर सकते हो?" पंकज त्रिपाठी ने बिना सोचे-समझे हां कर दी। यह उनके सालों के इंतजार और तैयारी का नतीजा था। उन्होंने तुरंत उस किरदार की गहराई को समझा और एक अभिनेता के रूप में अपनी पूरी प्रतिभा झोंक दी। जब उन्होंने 'सुल्तान' के रूप में पहला शॉट दिया, तो सेट पर हर कोई दंग रह गया।

उनकी आवाज, उनकी आंखें और उनका क्रूर अंदाज इतना प्रभावशाली था कि अनुराग कश्यप ने तुरंत उन्हें फाइनल कर दिया। 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के दोनों भाग एक ब्लॉकबस्टर हिट साबित हुए और पंकज त्रिपाठी का 'सुल्तान' का किरदार दर्शकों के दिलों में बस गया। उनकी क्रूरता, शांत स्वभाव और दमदार संवाद ने उन्हें रातों रात एक लोकप्रिय चेहरा बना दिया। इस एक किरदार ने उनके करियर की दिशा पूरी तरह से बदल दी और उन्हें एक ऐसे अभिनेता के रूप में स्थापित किया, जिसने अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर बॉलीवुड में अपना मुकाम बनाया।


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