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बैटल ऑफ गलवान में सलमान खान के साथ पहली बार नजर आएंगी चित्रांगदा सिंह, फिल्‍म को लेकर कही यह बात

चित्रांगदा मानती हैं कि यह अहम फिल्म है। निश्चित रुप से सलमान खान बहुत बड़े स्टार हैं। उनके साथ काम करने का मौका मिल रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है कि मेरा पात्र अहम नहीं है।

बैटल ऑफ गलवान में सलमान खान के साथ पहली बार नजर आएंगी चित्रांगदा सिंह, फिल्‍म को लेकर कही यह बात
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मुंबई : Battle Of Galwan: अगले साल भारतीय सेना को गौरवान्वित करने वाली कई कहानियां रिलीज होने की कतार में हैं। इनमें अभिनेता सलमान खान की फिल्म बैटल ऑफ गलवान (Battle Of Galwan) भी शामिल है। अमूमन ईद पर अपनी फिल्म लाने वाले सलमान इस बार कोई अन्य तारीख चुन सकते हैं। ईद पर पहले से ही धुरंधर 2, टाक्सिक और और डेक्वायट फिल्म को 19 मार्च को रिलीज करने की घोषणा हो चुकी है। ऐसे में संभावना है कि सलमान अलग तारीख ही चुनेंगे। यह फिल्म साल 2020 के गलवान घाटी झड़प पर केंद्रित है, जहां कोई गोली नहीं चली थी, लेकिन भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हाथापाई और खूनी संघर्ष हुआ था। अपूर्व लखिया निर्देशित बैटल ऑफ गलवान में सलमान के साथ पहली बार चित्रांगदा सिंह नजर आएंगी।

क्यों ‘बैटल ऑफ गलवान’?

हाल ही में रिलीज फिल्म रात अकेली है : द बंसल मर्डर्स में अपने अभिनय के लिए सराहना बटोरने वाली चित्रांगदा मानती हैं कि वार फिल्मों में अक्सर एक्शन हावी रहता है, लेकिन ‘बैटल ऑफ गलवान’ उससे आगे जाती है। वह कहती हैं यह अहम फिल्म है। निश्चित रुप से सलमान खान बहुत बड़े स्टार हैं। उनके साथ काम करने का मौका मिल रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है कि मेरा पात्र अहम नहीं है। फिल्म में पति-पत्नी का रिश्ता कहानी की भावनात्मक रीढ़ है और यही इसे परफॉर्मेंस ओरियंटेड बनाता है। यह सिर्फ गाने-डांस की भूमिका नहीं है। कुछ बेहद अहम सीन हैं, जिनमें एक एक्टर के तौर पर देने को बहुत कुछ है। मैं खुश हूं कि इस फिल्म का हिस्सा बनीं।

इम्प्रोवाइजेशन से खुश होते हैं सलमान

सलमान के साथ चित्रांगदा ने भले ही पहले स्क्रीन साझा नहीं किया हो लेकिन सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनकी मुलाकात होती रही है। अपने काम के अनुभवों को साझा करते हुए चित्रांगदा कहती हैं, सलमान के बारे में पहले से बहुत कुछ सुन रखा था, इसलिए थोड़ा नर्वस थी। मैं उन्हें पहले से जानती हूं। सोशली हम कई बार मिले हैं, लेकिन सेट पर उम्मीदें अलग होती है।

इतना बड़ा स्टार सामने हो तो खुद से भी उम्मीदें बढ़ जाती हैं। लेकिन सलमान बहुत मस्त मौला मिजाज के हैं, काम के दौरान इम्प्रोवाइजेशन (सुधार) करने पर खुश होते हैं क्योंकि वह खुद भी इम्प्रोवाइज करते हैं। हर टेक में कुछ नया जुड़ता जाता है। उनके रिलैक्स्ड नेचर की वजह से पूरा सेट रिलैक्स रहता है। काम, काम जैसा लगता ही नहीं।

जिम्मेदारी और जज्बा अहम

चित्रांगदा मानती हैं कि जब कहानी देश से जुड़ी हो, तो जिम्मेदारी अपने आप बढ़ जाती है। वह कहती हैं मुझे लगता है कि जज्बा अहम है। सिनेमाघरों में रिलीज ठीक हैं, लेकिन असली देशभक्ति तब होती है जब आप उसे महसूस करें। ऐसे सच्चे पलों को दिखाना बहुत जरूरी है। मुझे उस तरह की कहानी बहुत पसंद है जहां आम आदमी हीरो बनता है। बैटल ऑफ गलवान उसी जज्बे की कहानी है।


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