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अमिताभ बच्चन ने सुलोचना लतकर के निधन पर शोक जताया

मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने सुलोचना लतकर के निधन पर शोक व्यक्त किया, जिनका 3 जून को 94 साल की उम्र निधन हो गया।

अमिताभ बच्चन ने सुलोचना लतकर के निधन पर शोक जताया
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मुंबई, मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने सुलोचना लतकर के निधन पर शोक व्यक्त किया, जिनका 3 जून को 94 साल की उम्र निधन हो गया। अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा कि दिग्गज स्टार ने कई फिल्मों में उनकी देखभाल करने वाली और उदार मां की भूमिका निभाई है।

अमिताभ ने लिखा, 'हमने सिनेमा वल्र्ड की एक और महान अभिनेत्री- सुलोजना जी को खो दिया। उन्होंने मेरी कई फिल्मों में प्यारी, दुलारी और ख्याल रखने वाली मां का किरदार निभाया था। वह काफी समय से बीमार थीं और अब वह हम सबको छोड़ कर स्वर्ग सिधार गई हैं।''

उन्होंने कहा: मैं उनके परिवार के साथ उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए था..और आखिरकार यह बुरी खबर आ गई। हम दुख की इस घड़ी में सिर्फ प्रार्थना कर सकते हैं।'

अमिताभ और सुलोचना ने 'रेशमा और शेरा', 'याराना', 'मुकद्दर का सिकंदर' और 'रोटी कपड़ा और मकान' जैसी फिल्मों में काम किया।

30 जुलाई, 1928 को बेलगावी (अब कर्नाटक में) के खडाकलत गांव में जन्मी, सुलोचना ने 1946 में फिल्म की शुरूआत की।

उनकी टॉप बॉलीवुड फिल्मों में बिमल रॉय क्लासिक, 'बंदिनी' (1963) थी, जिसे आज भी याद किया जाता है।

जिन अन्य हिंदी फिल्मों में उन्होंने एक्टिंग की, उनमें 'जब प्यार किसी से होता है', 'दुनिया', 'अमीर गरीब', 'बहारों के सपने', 'कटी पतंग', 'मेरे जीवन साथी', 'प्यार मोहब्बत', 'दुनिया', 'जॉनी मेरा नाम', 'वारंट', 'जोशिला', 'डोली', 'प्रेम नगर', 'आक्रमण', 'भोला भाला', 'त्याग', 'आशिक हूं बहारों का', 'अधिकार', 'नई' रोशनी', 'आये दिन बहार के', 'आए मिलन की बेला', 'अब दिल्ली दूर नहीं', 'मजबूर', 'गोरा और काला', 'देवर', 'कहानी किस्मत की', 'तलाश' और 'आजाद' शामिल हैं।


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