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एआई नई तकनीक है, इसे वीएफएक्स न समझें : शेखर कपूर

निर्देशक शेखर कपूर अक्सर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशंसकों को अपने विचार शेयर करते रहते हैं

एआई नई तकनीक है, इसे वीएफएक्स न समझें : शेखर कपूर
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मुंबई। निर्देशक शेखर कपूर अक्सर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशंसकों को अपने विचार शेयर करते रहते हैं। उन्होंने मंगलवार को एआई के उपयोग पर अपनी राय व्यक्त की।

निर्देशक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक नोट शेयर किया। उन्होंने लिखा, "आप सभी गलत दिशा में जा रहे हैं। ए-लिस्टर्स ऐसे बिजनेस मॉडल के जरिए शीर्ष पर पहुंचे हैं, जो लगभग बंद होने वाले हैं।"

उन्होंने बताया कि अमेरिका के स्टूडियो इसलिए भी टिके हुए हैं क्योंकि उन्होंने ऐसे बिजनेस मॉडल बनाए हैं, जो इतने महंगे हैं कि उस सेक्टर में जाना आसान बात नहीं है।

उन्होंने आगे एआई फिल्म निर्माण पर जोर देते हुए कहा, "अब एआई फिल्म निर्माण को और भी ज्यादा लोकतांत्रिक बनाएगा, तो फिर पिरामिड के शीर्ष पर बैठे लोग इसका समर्थन क्यों करें?"

उन्होंने आखिर में कहा, "ज्यादातर ये नहीं समझते हैं कि एआई बिल्कुल नई तकनीक है। ये कोई वीएफएक्स की तरह कोई ऐड-ऑन नहीं है।"

शेखर कपूर ने करियर में कई शानदार फिल्में दी, जिसके लिए उन्हें पुरस्कार भी मिले हैं, लेकिन ये बहुत कम लोग जानते हैं कि वे फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले बतौर चार्टर्ड अकाउंटेंट लंदन में काम कर चुके हैं।

उन्होंने मनोरंजन जगत में कदम धारावाहिक 'खानदान' से रखा था, जिसने घर-घर में पहचान दिलवाई थी, लेकिन निर्देशन के रूप में उन्होंने 1983 में फिल्म ‘मासूम’ से शुरुआत की थी। इसके बाद उनकी सुपरहिट फिल्म मिस्टर इंडिया आई। यह फिल्म अपने किरदारों और कहानी के लिए आज भी लोगों की पसंद मानी जाती है। उन्होंने विदेशी फिल्में एलिजाबेथ (1998) और एलिजाबेथ: द गोल्डन एज (2007) भी बनाई हैं।

हाल ही में शेखर कपूर ने घोषणा की थी कि वे 'मासूम' का सीक्वल बनाएंगे।


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