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सुशांत सिंह मामले में क्लीन चिट के बाद सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचीं रिया चक्रवर्ती, बप्पा के किए दर्शन

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से क्लीन चिट मिलने के बाद अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती सोमवार को मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचीं, जहां उन्होंने बप्पा के दर्शन किए

सुशांत सिंह मामले में क्लीन चिट के बाद सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचीं रिया चक्रवर्ती, बप्पा के किए दर्शन
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मुंबई। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से क्लीन चिट मिलने के बाद अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती सोमवार को मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचीं, जहां उन्होंने बप्पा के दर्शन किए।

अभिनेत्री अपने भाई शोविक और पिता के साथ सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचीं, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की। सामने आए वीडियो में रिया साधारण सूट-सलवार पहने नजर आईं। सिद्धिविनायक मंदिर के प्रांगण में जाने से पहले वह फोटोग्राफर्स के लिए परिवार के साथ पोज भी देती नजर आईं।

सीबीआई के सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने और क्लीन चिट देने के एक दिन बाद रिया मंदिर पहुंचीं।

बता दें कि शुक्रवार को अदालत में पेश किए गए एक आवेदन में सीबीआई ने दो एफआईआर में नामित सभी व्यक्तियों को क्लीन चिट देते हुए मामले को बंद करने का अनुरोध किया। इसमें रिया, उनके माता-पिता उनके भाई का नाम शामिल है। एजेंसी ने कहा कि इनमें से किसी भी व्यक्ति के पास सुशांत सिंह राजपूत को आत्महत्या के लिए उकसाने से जोड़ने वाला कोई सबूत नहीं था।

केस के बंद होने के बारे में रिया के वकील सतीश मानेशिंदे ने एक बयान में कहा, “सीबीआई ने लगभग 4 साल बाद सुशांत सिंह राजपूत की मौत के सिलसिले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। हम सीबीआई के आभारी हैं कि उन्होंने मामले के हर पहलू की गहन जांच की और केस को बंद कर दिया। मीडिया में जितनी झूठी बातें फैलाई गईं, वह पूरी तरह से अनुचित थीं। महामारी के कारण देश में हर कोई टीवी और सोशल मीडिया से चिपका हुआ था। निर्दोष लोगों को मीडिया और जांच अधिकारियों के सामने परेशान किया गया। मुझे उम्मीद है कि ऐसा किसी भी मामले में नहीं दोहराया जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा, "मैं मीडिया से विनती करता हूं कि वे अपने किए पर विचार करें। रिया चक्रवर्ती को दर्द से गुजरना पड़ा और बिना किसी गलती के 27 दिनों तक सलाखों के पीछे रहना पड़ा, जब तक कि जस्टिस सारंग वी. कोतवाल ने उन्हें जमानत पर रिहा नहीं कर दिया। मैं उन्हें और उनके परिवार को सलाम करता हूं कि उन्होंने चुप रहकर अमानवीय व्यवहार सहा।''


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