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'बढ़ सकते हैं दुष्परिणाम', दिल्ली एक्यूआई पर ईशान खट्टर ने जताई चिंता

देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर फिर गंभीर श्रेणी में है। सर्दियों के मौसम में बढ़ते प्रदूषण और पराली जलाने की समस्या ने शहर की हवा को इतना दूषित कर दिया है कि काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है

बढ़ सकते हैं दुष्परिणाम, दिल्ली एक्यूआई पर ईशान खट्टर ने जताई चिंता
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मुंबई। देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर फिर गंभीर श्रेणी में है। सर्दियों के मौसम में बढ़ते प्रदूषण और पराली जलाने की समस्या ने शहर की हवा को इतना दूषित कर दिया है कि काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, हर व्यक्ति की सेहत और जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ रहा है।

दिल्ली में शनिवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का स्तर 400 के पार दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। कुछ इलाकों में यह आंकड़ा 700 से भी ऊपर पहुंच गया है। इसी बीच, बॉलीवुड अभिनेता ईशान खट्टर ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की।

ईशान खट्टर ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, ''साफ हवा में सांस न ले पाना ही काफी बुरा है, लेकिन जहरीली हवा के साथ जीने को मजबूर होना पूरी तरह अस्वीकार्य है। यह स्थिति अब सिर्फ एक्यूआई की संख्याओं या रिपोर्ट्स तक सीमित नहीं रही। यह सीधे तौर पर हर व्यक्ति के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता से जुड़ा गंभीर मामला बन चुका है। हर साल दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है और अगर इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो आने वाले समय में इसके दुष्परिणाम और बढ़ सकते हैं।''

ईशान खट्टर का यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। कई लोग इस पर सहमति भी जता रहे हैं। इससे पहले तापसी पन्नू, कृति सेनन, वाणी कपूर और ऋचा चड्ढा जैसी अभिनेत्रियां भी दिल्ली में प्रदूषण की गंभीरता को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुकी हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ता प्रदूषण न केवल सांस की समस्याएं बढ़ाता है, बल्कि यह कई गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी पैदा करता है। हवा में मौजूद सूक्ष्म कण फेफड़ों तक पहुंचकर ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जैसी बीमारियों को बढ़ावा देते हैं। बच्चों और बुजुर्गों में इसके दुष्प्रभाव और भी ज्यादा गंभीर हो सकते हैं।

इसके अलावा, लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से हृदय रोग, स्ट्रोक और रक्तचाप जैसी समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका असर देखा गया है। लगातार जहरीली हवा में सांस लेने वाले लोग थकान, सिरदर्द और नींद में कमी जैसी समस्याओं से जूझते हैं।


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