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उप्र के उपभोक्ताओं की संतुष्टि सुनिश्चित करें यूपीपीसीएल अध्यक्ष : ऊर्जा मंत्री

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने यहां शक्तिभवन से सभी वितरण कंपनियों के निदेशक मंडल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की।

उप्र के उपभोक्ताओं की संतुष्टि सुनिश्चित करें यूपीपीसीएल अध्यक्ष : ऊर्जा मंत्री
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लखनऊ | उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने यूपीपीसीएल अध्यक्ष को मंगलवार को निर्देश दिया कि सभी बिलिंग केंद्र समय से खोले जाएं और आने वाले उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने का काम प्राथमिकता में रखा जाए। उन्होंने उपभोक्ता संबंधी शिकायतों का तत्काल निस्तारण करने को कहा। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने यहां शक्तिभवन से सभी वितरण कंपनियों के निदेशक मंडल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी जनपदों में कोरोना के बचाव संबंधी एहतियात का व्यक्तिगत स्तर पालन करना सुनिश्चित किया जाए, और कर्मिकों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाए।

उन्होंने यूपीपीसीएल के अध्यक्ष को निर्देश दिया कि बिलिंग केंद्र समय से खोले जाएं और आने वाले उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने का काम प्राथमिकता में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और 1912 की शिकायतों के निस्तारण तेजी से किए जाने चाहिए और आपूर्ति संबंधी शिकायतों को प्राथमिकता में लिया जाए।

शर्मा ने निर्देशित किया कि बुधवार से वह मंडलवार जनपदों में आपूर्ति, गर्मियों में निर्बाध आपूर्ति के लिए किए जाने वाले काम, सौभाग्य योजना व उपभोक्ता समस्याओं के निस्तारण पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा करेंगे। प्रथम चरण में गोंडा, सहारनपुर, गोरखपुर व कानपुर मंडल शामिल हैं। कांफ्रेंसिंग के समय जनप्रतिनिधियों से भी वह स्वयं बात करेंगे।

उन्होंने कहा कि "उपभोक्ता संबंधी समस्याओं के निस्तारण में किसी भी प्रकार की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी। ऊर्जा परिवार के सदस्यों ने लॉकडाउन-1 के दौरान बहुत ही अच्छा काम किया है, आम लोग इसकी खुले मन से प्रशंसा भी कर रहे हैं। उपभोक्ता सेवा की दिशा में अपना प्रदर्शन लॉकडाउन-2 में और बेहतर करते हुए जन अपेक्षाओं पर खरा उतरना है।"

ऊर्जा मंत्री ने कहा, "गर्मी बढ़ रही है, ऐसे में बिजली का उपभोग व लोड भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। इसलिए जहां आवश्यक है ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जाए। जिन जिलों में सौभाग्य का काम अधूरा है उसे स्थानीय मजदूरों को लगाकर पूरा कराया जाए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व मेडिकल प्रोटोकाल का पूरा पालन किया जाए।"


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