प्राथमिक स्कूलों में पहली कक्षा की अंग्रेजी और गणित की पुस्तकें बदलेगी दक्षिणी निगम
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने की शुरुआत भले ही अगले शैक्षिक सत्र (2018-19) से की जाएगी
नई दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने की शुरुआत भले ही अगले शैक्षिक सत्र (2018-19) से की जाएगी लेकिन पहली कक्षा की अंग्रेजी और गणित की पाठ्य पुस्तकों में बदलाव लाने की तैयारी शुरू हो गई है। दरअसल, बच्चों को पढ़ाई जा रही पुस्तकों में प्रकाशित अंतर्वस्तु काफी जटिल है।
जिससे छोटे बच्चों को सीखने और समझने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। लिहाजा स्थायी समिति ने उप समिति का गठन करने का फैंसला किया है जो समयबद्ध प्रकिया के तहत अपनी रिपोर्ट स्थायी समिति के सम्मुख करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर सुझाई गई पुस्तकों को मौजूदा शैक्षिक सत्र (2017-18) से ही लागू कर दिया जाएगा।
बुधवार को आयोजित स्थायी समिति की बैठक में समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने पहली कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को अंग्रेजी भाषा सिखाने के लिए जिस पुस्तक से पढ़ाया जा रहा है वह छोटे बच्चों के बौद्धिक स्तर के अनुरूप नहीं है। इन बच्चों को मैरीगोल्ड-प्रथम नाम की पुस्तक के प्रथम अध्याय से ही कठिन वाक्य पढ़ाये जा रहे हैं। जबकि इन्हें अंग्रेजी के वर्णाक्षरों (अल्फाबेट) का भी पूरा ज्ञान नहीं है। लिहाजा इनके लिए अंग्रेजी के आसान शब्दों वाली सरल और स्पष्ट पुस्तक का चयन किया जाएगा ताकि अंग्रेजी भाषा सीखने के दौरान बच्चों को कठिनाई का अनुभव न हो और वे आसानी से सीख सकें। इसके साथ ही गणित की पुस्तक में कठिनतम दर्जे के सवालों के चलते उसे भी बदला जाएगा।
गुप्ता ने बताया कि निगम स्कूलों में आसान शब्दावली वाली पाठ्य पुस्तक के चयन के लिए गठित समिति 15 दिन में अपनी रिपोर्ट दे देगी। रिपोर्ट के आधार पर आसान पाठ्यक्रम वाली पुस्तक से बच्चों को पढ़ाया जाएगा और उनका बौद्धिक विकास किया जाएगा। गौरतलब है कि देश के तमाम सरकारी, अर्द्ध सरकारी एंव निजी स्कूलों में एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एंव प्रशिक्षण परिषद्) की पाठ्य पुस्तकें पढ़ाई जाती हैं। एनसीईआरटी सभी कक्षाओं के लिए पाठ्य पुस्तक प्रकाशित करती है। वहीं, कुछ स्कूल निजी प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित पाठ्य पुस्तकें भी पढ़ाते हैं।


