अरमान की मौत के मामले में पुलिस के हाथ खाली
इंदिरापुरम के जीडी गोयनका स्कूल में बुधवार को हुई चौथी क्लास के स्टूडेंट अरमान की मौत के मामले में आठ दिन बाद भी पुलिस की जांच एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी है
गाजियाबाद। इंदिरापुरम के जीडी गोयनका स्कूल में बुधवार को हुई चौथी क्लास के स्टूडेंट अरमान की मौत के मामले में आठ दिन बाद भी पुलिस की जांच एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी है।
घटना के बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करने का दावा करने वाली पुलिस अब भी एफआईआर पर ही अटकी हुई है। फोरेंसिक जांच, मजिस्ट्रेट जांच और पुलिस की जांच में अरमान की मौत का एक सबूत तक नहीं जुटाया जा सका है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने प्रबंधन के साथ मिलकर घटना के सबूत मिटाने का काम किया है। अब सिर्फ जांच का दिखावा किया जा रहा है।
पिंता गुलशन सहगल के अनुसार वारदात के एक दिन बाद पुलिस ने गैर इरादतन हत्या और सबूत मिटाने के आरोपों में एफआईआर दर्ज की थी। इसके बावजूद पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की। तीन दिन तक सभी आरोपी पुलिस के सामने रहे, मगर उन्हें हिरासत में भी नहीं लिया गया। तीन दिन बाद पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए दबिश का दावा किया। मंगलवार को परिजनों ने जब स्कूल के सामने धरना भी दिया था जिसमे पुलिस ने कहा कि बिना सबूतों के गिरफ्तारी नहीं होगी। पिता के अनुसार साफ है कि पुलिस अधिकारी उन्हें और जांच को गुमराह करने का काम कर रहे थे।
प्रबंधन ने जो घटनास्थल पुलिस को दिखाया घटना वहां हुई ही नहीं
अरमान की मां स्वाति का कहना है कि फोरेंसिक टीम को जांच के लिए आने में 32 घंटे का समय लग गया। टीम ने तीन-चार बार घटना का डेमो किया। कई बच्चों और स्कूल कर्मचारियों से पूछताछ भी की गई मगर परिणाम कुछ नहीं आया। आरोप है कि प्रबंधन ने जो घटनास्थल पुलिस को दिखाया घटना वहां हुई ही नहीं। प्रबंधन ने पुलिस-प्रशासन की जांच प्रभावित करने के लिए घटनास्थल बदल दिया।
मेडिकल रूम में एक्सपायरी मिलीं दवाएं फिर भी प्रबंधन को नही दी चेतावनी
परिजनों के अनुसार एडीएम सिटी ने जब स्कूल की जांच की तो वहां स्कूल की एक बड़ी लापरवाही तब सामने आई जब मेडिकल रूम में एक्सपायरी दवाएं मिलीं। ऑक्सीजन सिलेंडर की नोजल भी टूटी मिली। प्रशासन की लापरवाही इससे ही साबित होती है कि दो और बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद प्रबंधन को चेतावनी तक नहीं दी गई।


