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रोजगार की स्थिति में हुआ है सुधार : श्रम मंत्रालय

एलएफपीआर (श्रम बल भागीदारी दर), डब्ल्यूपीआर (श्रमित जनसंख्या अनुपात) और यूआर (बेरोजगारी दर) संकेतक बताते हैं कि पीएलएफएस आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में रोजगार की स्थिति में काफी सुधार हुआ है

रोजगार की स्थिति में हुआ है सुधार : श्रम मंत्रालय
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नई दिल्ली। एलएफपीआर (श्रम बल भागीदारी दर), डब्ल्यूपीआर (श्रमित जनसंख्या अनुपात) और यूआर (बेरोजगारी दर) संकेतक बताते हैं कि पीएलएफएस आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में रोजगार की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने बताया कि 15 साल और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए श्रम बल भागीदारी दर, वर्ष 2019-20 में उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 53.5 फीसदी हो गई। इससे पहले यह आंकड़ा 2017-18 में 49.8 फीसदी और 2018-19 में 50.2 फीसदी था। मंत्रालय के मुताबिक ये आंकड़े एक सकारात्मक पहलू की ओर संकेत करते हैं कि बड़ी संख्या में लोग राष्ट्र की श्रम शक्ति के दायरे में आ रहे हैं।

श्रम मंत्रालय ने आधिकारिक जानकारी साझा करते हुए बताया कि बेरोजगारी दर 2017-18 में 6.0 फीसदी और 2018-19 में 5.8 फीसदी की तुलना में घटकर 4.8 फीसदी हो गई है। यह इस बात को दिखाता है कि बेरोजगार व्यक्तियों की संख्या में काफी कमी आई है।

इन आंकड़ों में आगे यह दिखाया गया है कि डब्ल्यूपीआर भी 2017-18 के 46.8 फीसदी और 2018-19 के 47.3 फीसदी से बढ़कर 50.9 फीसदी हो गया है। ये आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में अब 15 साल और उससे अधिक उम्र के ज्यादा व्यक्ति कार्यरत हैं।

20 जून, 2021 को प्रकाशित ईपीएफओ के अनंतिम पेरोल (वेतन भुगतान) आंकड़े इस बात को रेखांकित करते हैं कि कोविड-19 महामारी के बावजूद, वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 77.08 लाख ग्राहकों को जोड़ा गया है। यह संख्या पिछले वर्ष यानी 2019-20 (78.58 लाख) के लगभग बराबर है। वहीं, यह देखा गया है कि अप्रैल और मई, 2020 को छोड़कर 2020-21 के प्रत्येक महीने में निवल पेरोल में बढ़ोतरी हुई है।

श्रम मंत्रालय का कहना है कि यहां इसका उल्लेख करना भी सही होगा कि अप्रैल और मई, 2020 के दौरान लॉकडाउन प्रतिबंधों के चलते अधिकांश आर्थिक गतिविधियां ठप्प थीं। हालांकि, जून 2020 से चरणबद्ध तरीके से आर्थिक गतिविधियों शुरू करने के साथ, इसके बाद के महीनों में निवल पेरोल डेटा में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। 20 नवंबर, 2021 को प्रकाशित ईपीएफओ के अनंतिम पेरोल डेटा के मुताबिक ईपीएफओ ने सितंबर, 2021 में लगभग 15.41 लाख निवल ग्राहक जोड़े हैं।

कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) एक अनिवार्य बचत योजना है। यह हर एक प्रतिष्ठान को कवर करता है, जिसमें इस अधिनियम में प्रदत्त कुछ शर्तों और छूटों के अधीन 20 या उससे अधिक व्यक्ति कार्यरत हैं। चूंकि इसके ग्राहकों को अधिनियम में प्रदान किए गए कुछ अधिकार मिलते हैं, इसलिए इस योजना की सदस्यता लेने वाले सदस्यों की संख्या औपचारिक क्षेत्र में रोजगार के स्तर को लेकर एक विचार प्रदान करती है।


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