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‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ को लागू करने को नवाचार पर जोर

कोरोना माहामरी के कारण लॉकडाउन के दौर में मोदी सरकार के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम को लागू करने के लिए नवाचार पर आज जोर दिया गया

‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ को लागू करने को नवाचार पर जोर
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नयी दिल्ली । कोरोना माहामरी के कारण लॉकडाउन के दौर में मोदी सरकार के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम को लागू करने के लिए नवाचार पर आज जोर दिया गया और नई सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने की अपील की गई ।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे की अध्यक्षता में विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में पर्यटन सचिव योगेश त्रिपाठी, संस्कृति सचिव आनंद कुमार खेल युवा मामलों की सचिव उषा शर्मा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय में स्कूली शिक्षा सचिव अनिता करवाल और माई गवर्नमेंट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक सिंह और सूचना प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विक्रम सहाय के अलावा रक्षा एवं संसदीय कार्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों आदि ने भी भाग लिया।

बैठक के प्रारंभ में खरे ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम को लागू करने के लिए हमें नवाचार का इस्तेमाल करना चाहिए तथा डिजिटल माध्यमों का भी अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए । उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत को कोरोना काल में सफल तरीके से लागू करने के लिए हमें नए तरीके से सोचने की जरूरत है।

श्रीमती करवाल ने भी इस बात पर जोर दिया कि हमें ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए के लिए विशेष उपाय करने चाहिए।

पर्यटन सचिव त्रिपाठी ने कहा कि हम लोग लॉक डाउन में विभिन्न वेबिनार के जरिए पर्यटन स्थलों और प्राचीन शहरों के बारे में लोगों को इंटरनेट पर जानकारी दे रहे हैं और कार्यक्रम चला रहे हैं।

कुमार ने भी कहा कि संस्कृति मंत्रालय भी विभिन्न पर्यटन स्थलों और कला संग्रहालय आदि का डिजिटल टूर पेश कर रहा है और इस तरह लोगों में अधिक से अधिक रुचि विकसित कर रहा हैं।

खरे ने कहा कि कि शैक्षणिक चैनलों पर ऑनलाइन क्लास में ब्रेक के दौरान ‘देखो अपना देश’ कार्यक्रम पेश करना चाहिए ताकि छात्रों में विशेष दिलचस्पी पैदा हो सके।

सहाय ने रेडियो और दूरदर्शन के माध्यम का अधिक इस्तेमाल करने पर जोर दिया।

सिंह ने बताया कि एक ऐसा मोबाइल ऐप तैयार किया जा रहा है जिस पर हर भाषा की सौ पक्तियाँ उपलब्ध होंगी।



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