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हाथियों के दल ने परिवार के 6 सदस्यों को घेरा

हाथियों के दल ने प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम बगड़ा में उत्पात मचा रखा है

हाथियों के दल ने परिवार के 6 सदस्यों को घेरा
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गन्ने की फसल में आग लगाकर भगाया गया, लोगों में दहशत
अम्बिकापुर। हाथियों के दल ने प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम बगड़ा में उत्पात मचा रखा है। गुरुवार की रात हाथियों का दल यहां स्थित बाजारडांड़ में पहुंचा और एक किसान के घर को घेर लिया। हाथियों द्वारा घेर लिए जाने से किसान सहित उसके परिवार के 6 सदस्य भीतर ही घंटों फंसे रहे।

काफी देर बाद गांव वालों ने गन्ने के खेत में आग जलाकर हाथियों को भगाया। अधिकांश हाथी वहां से रात करीब 9.30 बजे हट गए। इसके बाद ग्रामीणों ने 3 सदस्यों को किसी तरह बाहर निकाला। जबकि दर्जनभर हाथी घर के आसपास ही विचरण कर रहे हैं। हाथियों के डर से गांव में अफरा.तफरी का माहौल है।

प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों ने उत्पात मचा रखा है। गुरुवार को बंशीपुर जंगल से निकलकर 52 हाथियों का दल नदी पार करते हुए ग्राम बगड़ा में पहुंचा। यहां स्थित बाजारडांड़ में रात 8 बजे हाथी पहुंच गए। इससे गांव में अफरा.तफरी मच गई।

सब घरों से निकलकर बाहर आ गए। इस दौरान यहां स्थित एक किसान के घर को हाथियों ने घेर लिया। इससे किसान सहित उसके परिवार के 6 सदस्य वहीं फंस गए। करीब एक घंटे तक किसान व उसका परिवार दहशत में रहा। इस दौरान हाथी वहीं विचरण करते रहे।

रात करीब 9.30 बजे ग्रामीणों ने वहां आग जलाई तो अधिकांश हाथी वहां से रजवारीपारा की ओर भाग गए। इस दौरान किसी तरह ग्रामीणों ने घर से 3 सदस्यों को बाहर निकाल लिया। दर्जनभर हाथियों के किसान के घर के पास ही डटे होने से रात करीब 10.15 बजे तक 3 सदस्य भीतर ही फंसे हैं।

हाथियों के दल ने गन्ने व गेहूं की फसल भी चौपट कर दिया है। वन अमला भी ताकता रहा मुंह बताया जा रहा है कि हाथियों द्वारा जब किसान के घर को घेरकर रखा गया था तो वन अमला वहां मुंह ताकता रहा। रात तक एक वन कर्मचारी को छोड़कर बाकी लोग अधिकारियों को बुलाने चले गए।

इस दौरान गांव के लोग रेस्क्यू में जुटे रहे। फिलहाल हाथियों के गांव में ही डटे होने से ग्रामीणों में दहशत है। रेस्क्यू सेंटर जंगली हाथियों का उपचार केंद्र है, विभाग के बड़े अधिकारियों के साथ शासन के बड़े नेता ऐसा प्रचारित करने कोई मौका नहीं छोड़ते लेकिन अब धीरे धीरे जो सच्चाई सामने आ रही है यह केवल पिकनिक स्पॉट बनकर रह जायेगा।

झूठी वाह वाही लेने के उद्देश्य से मई में इसका उद्घाटन सीएम से कराने की तैयारी भी चालू हो गयी है जबकि इसके पूर्ण होने में अभी लम्बा समय है कुमकी हाथियों को लाकर जंगली हाथियों से राहत दिलाने के नाम पर अधिकारियों द्वारा ली जा रही वाह वाही भी झूठी साबित हो रही है न कुमकी हाथी आ रहे हैं और न हाथियों से राहत दिलाने के दावे सच हो रहे हैं।

गौरतलब है कि वाईल्ड लाईफ द्वारा सूरजपुर वनमंडल के घुई और तमोरपिंगला क्षेत्र में करोड़ों की लागत से रेस्क्यू सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है जिसे लेकर सीसीएफ केके बिसेन और चन्द्रशेखर तिवारी द्वारा दावे किए जाते हैं कि यह जंगली हाथियों का उपचार केंद्र है जहां कुमकी हाथियों की मदद से जंगली हाथियों को पकड़ यहां उन्हें सुधारा जाएगा।

केवल अधिकारी ही नहीं वरन शासन के प्रतिनधि भी कई कार्यक्रमों में ऐसा प्रचारित कर वाह वाही लेने का प्रयास करते हैं इतना ही नहीं रेस्क्यू सेंटर के पूर्ण होने में अभी काफी लम्बा समय है लेकिन राजनीतिक लाभ लेने की दृष्टि से अधूरे रेस्क्यू सेंटर का उद्घाटन सीएम से कराने की तैयारी की जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार मई में कभी भी सीएम रमन सिंह ने इज़के उद्घाटन के लिए समय दिया है। माना यह जा रहा है कि विकास यात्रा के दौरान सम्भवत: कार्यक्रम आयोजित किया जाए। इसके निर्माण से जुड़े अधिकारी कभी दिसम्बर तो कभी जनवरी और मार्च की तिथियां पूर्ण होने को लेकर बयानों में बता चुके हैं।

वर्तमान में जो स्थिति है वहां काम कर रहे मिस्त्रियों की मानें तो अभी भी कई महीने का समय लगेगा। परिसर में कई भवनों का निर्माण कराया जा रहा है जिनकी कुछ दिनों पूर्व ढलाई हुई है। फिनिशिंग होने में समय लगेगाएलोहे से बेड़े किये जा रहे हैं जिनमें भी बहुत सारा काम बचा है।

ऐसा माना जा रहा है कि रेस्क्यू सेंटर का कुछ हिस्सा उद्घाटन कराने के लिए तैयार कर दिया जाएगा और सबको यह दिखा दिया जाएगा कि यह पूर्ण हो गया। अधिकारियों द्वारा पहले कभी यह नहीं बताया गया कि हाइकोर्ट के निर्देश पर अचानकमार अचानकमार में रह रहे सोनू व अन्य हाथियों को रखने के लिए इसका निर्माण हो रहा है और हमेशा गलत रूप से प्रचारित किया गया कि कर्नाटक से कुमकी हाथी लाकर रकह जाएंगे जो जंगली हाथियों को पकड़ने के साथ यहां उन्हें सुधारने का काम करेंगे।

कई महीनों से आ रहे कुमकी हाथी महासमुंद में हैं और आने वाले कई महीनों में भी उनके आने की उम्मीद नहीं हैएअब अधिकारी सोनू व अन्य हाथियों को रेस्क्यू सेंटर पूरा होने से पहले ही सीएम से उद्घाटन कराने और उनकी नजर में हीरो बनने के लिए अचानकमार से लेकर आएंगे।

अब सवाल यह है कि रेस्क्यू सेंटर और कुमकी हाथियों को लेकर जिस तरह अधिकारियों और शासन द्वारा अब तक झूठी वाह वाही के लिए गलत बातों का प्रचार प्रसार किया जाता रहा है। हाथी पीड़ित ग्रामीणों को इनका नाम लेकर राहत दिलाने के सपने दिखाए जाते रहे हैं तो उन दावों क्या होगाएरेस्क्यू सेंटर को हाथी उपचार केंद्र रूप में प्रचारित करने वाले अधिकारी अब इसे पिकनिक स्पॉट के रूप में दिखाने लगे हैं जैसा कि पहले धुुर्या में हाथी कैम्प था।

निर्माण घुई में और इन्हीं के रेंजर के पास जानकारी नहीं रेस्क्यू सेंटर का निर्माण सूरजपुर वनमंडल के वन परिक्षेत्र घुई में हो रहा और इसका निर्माण वाईल्ड लाईफ सरगुजा के निर्देश पर तमोर पिंगला अभ्यारण्य द्वारा कराया जा रहा है लेकिन कमाल की बात है कि जिनकी जमीन है उन्हीं के पास इज़के निर्माण से सम्बंधित कोई जानकारी नहीं है।

दरअसल प्रतापपुर के आरटीआई कार्यकर्ता राकेश मित्तल ने घुई वन परिक्षेत्र में आवेदन लगा इस सम्बंध में कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी किन्तु जवाब में रेंजर ने स्पष्ट लिखकर दे दिया कि इस सम्बंध में कोई जानकारी नहीं है। इसका निर्माण तमोर पिंगला द्वारा कराया जा रहा है और वहीं से इसकी जानकारी लें।

जानकारी में उन्होंने कक्ष क्रमांक और रकबा की जानकारी तो दे दी लेकि कबा की जानकारी तो दे दी लेकिन घुई में बनाने आदेश किसने दिया और कब हुआ इसकी जानकारी भी उनके कार्यालय में नहीं है जबकि रेंजर ही अपने क्षेत्र में काम करने अनुमती या अन्य कागजी कार्यवाही की शुरुआत करता है ऐसी स्थिति में निर्माण क्षेत्र घुई के रेंजर को ही इसकी जानकारी नहीं होना ताज्जुब की बात तो है ही अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है।

इससे बड़ी बात तो यह है कि रेस्क्यू सेंटर के निर्माण के लिए पेड़ भी काटे गए हैं जिनकी जानकारी भी इस कार्यालय को नहीं है जबकि उनकी अनुमति के बिना पेड़ काटे ही नहीं जा सकते।बरहाल रेस्क्यू सेंटर का निर्माण का काम जारी है और वह भी कई अनियमितताओं के साथ और अब आरटीआई में घुई रेंजर द्वारा दी गयी जानकारी एक और अनियमितता का एक और मामला सामने लेकर आया है।


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