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हाथियों ने ग्रामीण को पटककर मार डाला

संभाग मुख्यालय से करीब पचास किलोमीटर दूर घुटरी जंगल में छह हाथियों के दल ने हिंसक रुप अपनाते हुए एक ग्रामीण को मार दिया

हाथियों ने ग्रामीण को पटककर मार डाला
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साथी के साथ जंगल लकड़ी लेने गया था

अंबिकापुर। संभाग मुख्यालय से करीब पचास किलोमीटर दूर घुटरी जंगल में छह हाथियों के दल ने हिंसक रुप अपनाते हुए एक ग्रामीण को मार दिया जबकि दूसरा ग्रामीण पत्थर की ओट लेकर किसी तरह बच गया। बताया गया है गज दल बहुत हिंसक था और उसने मृतक को घेरकर मारा और शव से फुटबाल की तरह खेलते रहे। घटना सुबह पांच से छ के बीच की है जबकिएमृतक लक्ष्मीप्रसाद अपने साथी लबदू के साथ जंगल लकडी लाने गया था।

वहीं दल से उसका सामना हो गया और गजदल ने लक्ष्मी प्रसाद पर हमला बोल दिया। बेहद हिंसक गजदल ने लक्ष्मी को बचाव का कोई मौका नहीं दिया और उसे घेर कर मारने के बाद फुटबॉल की तरह शव से खेलते रहे। मृतक के साथ मौजूद लबदू नाम का ग्रामीण भाग्यशाली रहा जो पत्थर की ओट में खुद को छुपाने में कामयाब रहा। लबदू बाद में वहां से निकल भागा लेकिन मृतक लक्ष्मी का शव लाने में ग्रामीणों और वन अमले को लंबा इंतजार करना पड़ाएक्योंकि बेहद गुस्से में आया गजदल शव के पास ही देर तक मौजुद रहा। वन अमले ने गजदल की उपस्थिति को लेकर ग्रामीणों को पूर्व में ही सूचित कर दिया था, अधिकांश ग्रामीण सुरक्षित निकल गए थे। उसके बावजूद लक्ष्मीप्रसाद की लापरवाही उसके जान की दुश्मन बन गई।

हाथियों के दल ने मचाया उत्पात ग्रामीण दहशत मेंजनकपुर क्षेत्र में हाथियों के दल ने शुक्रवार रात में भी उत्पात मचाया। शाम को दल बनास नदी की ओर गया। इसके बाद लौटकर आया और गांव में तोड़फोड़ की। हाथियों ने जिस घर को तोड़ा, उसमें दो बच्चे मौजूद थे। वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू करके दोनों को सुरक्षित बाहर निकाला। जनकपुर में वनकर्मियों के अनुमान के मुताबिक रात में बनास नदी से पांच हाथियों का दल वापस लौटा और पांच घरों में फिर तोड़फोड़ मचाई। हाथियों दल ग्राम सिमरिया में पहुंचा। यहां जिस घर को हाथियों ने निशाना बनाया, वहां राजबहादुर पिता भैया लाल गौड़ अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ सो रहे थे।

हाथियों के दल ने इसी घर में तोड़फोड़ करना शुरू किया परिजनों को पता चलते ही वे घर में ताला लगाकर भाग गए। आसपास के ग्रामीणों ने हाथियों के गांव में पहुंचने की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी और वनकर्मियों के वहां पहुंचते ही बच्चों का रेस्क्यू शुरू किया गया। वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने हाथियों के दल को किसी तरह से घर से दूर हटाया और देखा कि घर में ताला बंद था। कहीं कोई बच्चे नजर नहीं आ रहे थे वन विभाग की टीम जब अपने अगले पड़ाव को बढ़ने लगे तभी बच्चे की रोने की आवाज आई। घर में ताला बंद था ताला तत्काल ना टूटने पर हाथी द्वारा तोड़े गए जगह से रेस्क्यू टीम एसडीओ केएस कंवर, सदस्य सेमरिया बीट वनरक्षक अंजनी प्रताप सिंह, परिक्षेत्र अधिकारी जनकपुर आरएस कुर्रे, कमलेश दुबे पार्क, तीरथ राज शुक्ला सहित अन्य वन कर्मियों ने दोनों बच्चों को घर से सुरक्षित निकाल कर वन विभाग के स्ट्राइक फोर्स वाहन में सुरक्षित स्थान में भेज दिया। कड़ी मशक्कत के बाद हाथियों का दल देर रात मध्यप्रदेश के सीधी जिला स्थित संजय गांधी टाइगर रिजर्व पार्क की ओर चला गया। जिसके बाद क्षेत्र के लोगों और वन विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली।


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