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हाथी के दांत

बच्चों के एक विशेष समारोह में मिसेज वर्मा को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया तो उन्होंने बच्चों के हित में भाषण लिखा जो समारोह के दौरान पढा जाना था

हाथी के दांत
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- हरिन्दर सिंह गोगना

बच्चों के एक विशेष समारोह में मिसेज वर्मा को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया तो उन्होंने बच्चों के हित में भाषण लिखा जो समारोह के दौरान पढा जाना था। भाषण की आखिरी पंक्तियां कुछ इस तरह थीं, बच्चे देश का भविष्य होते हैं। हमें एक जुट होकर बाल मजदूरी जैसे कोढ़ को खत्म करना है। यह तभी संभव होगा जब देश मे कोई भी गरीब बच्चा अनपढ़ नहीं रहेगा। इसके लिए मुफ्त शिक्षा देना ही नहीं बल्कि और भी कई ठोस कदम उठाने होंगे जिससे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सके।'

समारोह में जाने के लिए जैसे ही श्रीमती वर्मा अपनी नई गाड़ी में बैठने लगी तो उनके करीब उनकी घरेलू नौकरानी की बेटी रमैया दौड़ी हुई आई और बोली,'' मालकिन आज मां काम पर नहीं आ पायेगी...उसे बुखार है।'

'अरे आज तो मेरे यहां मेहमान आने वाले हैं...साफ सफाई कौन करेगा... ? ऐसे करो आज के लिए तुम कुछ काम कर जाओ...।'
' लेकिन मालकिन...मुझे तो स्कूल जाना है...।'

'ओफ हो...एक दिन स्कूल नहीं जाओगी तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ेगा...जाओ भीतर...।'आगे से मैडम वर्मा का जवाब था। गाड़ी जा चुकी थी मगर रमैया वहीं दुविधा में खड़ी थी।


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