बिजली दरों में नहीं होने देंगे वृद्घि
राजधानी में बिजली महंगी करने की तैयारियां लगभग पूरी होने जा रही हैं और उम्मीद की जा रही है
नई दिल्ली। राजधानी में बिजली महंगी करने की तैयारियां लगभग पूरी होने जा रही हैं और उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग जल्द ही प्रक्रिया को पूरा करने के बाद नई दरों का ऐलान कर सकता है। लेकिन विपक्ष इस पूरे मामले पर अड़िग है और जोरदार ढंग से कह रहा है कि दिल्ली सरकार और निजी बिजली कम्पनियों की सांठगांठ से दिल्ली में बिजली की दरों में वृद्धि करने के प्रयास को भाजपा सफल नहीं होने देगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि दिल्ली के लोग पहले ही मंहगी दरों पर बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं और पॉवर डिस्कोम जिनमें दिल्ली सरकार एवं निजी कम्पनियां भागीदार है, भारी मुनाफा कमा रही हैं। ऑपरेशनल लॉस या बिजली की चोरी दिल्ली में बहुत कम है और वास्तव में निजी कम्पनियां पूर्ववर्ती दिल्ली विद्युत आयोग से मिली वृहत मूलभूत सुविधाओं का भी भारी फायदा उठा रही हैं।
घाटे की कहानी केवल लेखाओं में बाजीगरी है जिसका निजी बिजली कम्पनियों के लेखाओं की परीक्षा होने से पर्दाफाश हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह विचित्र बात है कि दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार और उनकी पार्टी ने निजी बिजली कम्पनियों के लेखाओं में गड़बड़ी का पर्दाफाश करने के लिए एक लम्बा अभियान चलाया था किन्तु आज वे इस पर चुप हैं।
वास्तव में देखा जाये दिल्ली सरकार ने जनता को सब्सिडी के नाम पर भी निजी कम्पनियों का खजाना भरा है। भाजपा ने मांग रखी कि बिजली की दरों में किसी भी वृद्धि की अनुमति देने के बदले दिल्ली सरकार निजी बिजली कम्पनियों को कहे कि वे अपने खातों को सार्वजनिक जांच के लिए उपलब्ध कराएं और यदि कम्पनियां इंकार करती हैं तो उनके साथ करार समाप्त किया जाना चाहिए। अब भाजपा शीघ्र ही हम आरडब्ल्यूण्ए की एक बैठक बुलाएगी जिसमें इस मामले पर फिर से विचार किया जाएगा।


