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मात्र 2.52 रुपये प्रति यूनिट होगी विद्युत दर

 राजधानीवासी 2020 की गरमी के मौसम में हवा से बनने वाली 200 मेगावॉट खरीदी गई बिजली से ठंडी हवा खाएंगे

मात्र 2.52 रुपये प्रति यूनिट होगी विद्युत दर
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नई दिल्ली। राजधानीवासी 2020 की गरमी के मौसम में हवा से बनने वाली 200 मेगावॉट खरीदी गई बिजली से ठंडी हवा खाएंगे। सामान्य बोलचाल में विंड पावर कही जाने वाली यह बिजली यमुनापार इलाके में 50 मेगावाट और दक्षिणी, पश्चिमी दिल्ली के लिए 150 मेगावाट खरीदी जाएगी इसके लिए समझौता किया गया है।

यह समझौता 25 वर्षों के लिए किया गया है। खास बात यह है कि हवा से बनने वाली यह बिजली सस्ती है। डिस्कॉम्स को यह बिजली सिर्फ 2.52 रुपये प्रति यूनिट की दर पर मिलेगी।

बीएसईएस के अधिकारियों ने बताया कि बीएसईएस ने एसईसीआई यानी सोलर एनर्जी कॉरपोरशन ऑफ इंडिया के साथ हवा से बनी बिजली खरीदने का समझौता किया है। बीएसईएस को यह बिजली अभी से 18 महीने बाद यानी नवंबर 2019 से मिलनी शुरू होगी और अगले 25 वर्षों तक मिलती रहेगी। इस बिजली खरीद समझौते की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां से न्यूनतम दरों पर विंड पावर की खरीद संभव हो पाएगी। लंबी अवधि के लिए विंड पावर की थोक-खरीद दर औसतन 4.5 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि यहां से यह बिजली सिर्फ 2.52 रुपये प्रति यूनिट की दर पर मिल जाएगी।

उपभोक्ताओं के लिए प्रतियोगितात्मक दरों पर बिजली की खरीद के अलावा, इस विंड पावर से बीएसईएस को डीईआरसी द्वारा तय रिन्युएबल परचेज ऑब्लिगेशंस यानी आरपीओ को पूरा करने मेें भी मदद मिलेगी। उल्लेेखनीय है कि पिछले वर्ष भी बीआरपीएल ने पीटीसी के साथ 100 मेगावॉट विंड पावर के लिए समझौता किया था, जो इसी साल नवंबर महीने से मिलनी शुरू हो जाएगी। इस तरह, ताजा समझौते के बाद, बीएसईएस को आने वाले दिनों में 300 मेगावॉट विंड पावर मिलेगी।

बीएसईएस प्रवक्ता के मुताबिक-दिल्ली में अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ बीएसईएस डिस्कॉम्स इस बात के लिए भी प्रतिबद्ध है कि उपभोक्ताओं पर इस का न्यूनतम बोझ पड़े। इसीलिए, बीएसईएस सभी विकल्पों को तलाशकर, काफी कम कीमतों पर अक्षय ऊर्जा की व्यवस्था कर रही है। यह समझौता बीएसईएस द्वारा किए जा रहे

ऐसी ही प्रयासों का एक उदाहरण है। डिस्कॉम्स के पास परंपरागत स्रोतों से मिलने वाली बिजली के साथ-साथ विंड और सोलर पावर भी हो, तो इससे दिल्ली की पीक पावर डिमांड को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में रोजाना दो बार बिजली की डिमांड उच्चतम स्तर पर पहुंचती है। गुजरात से आने वाली यह विंड पावर, रात को बिजली की पीक डिमांड को पूरा करने में मदद करेगी।


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