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दिल्ली में बिजली सस्ती हो सकती है तो पंजाब में क्यों नहीं : आप

पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से आग्रह किया है कि जब दिल्ली की केजरीवाल सरकार बिजली की दरें सस्ती कर सकती है तो पंजाब मेें बिजली दरें सस्ती क्यों नहीं की जा सकतीं

दिल्ली में बिजली सस्ती हो सकती है तो पंजाब में क्यों नहीं : आप
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चंडीगढ़। पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से आग्रह किया है कि जब दिल्ली की केजरीवाल सरकार बिजली की दरें सस्ती कर सकती है तो पंजाब मेें बिजली दरें सस्ती क्यों नहीं की जा सकतीं ।

पार्टी के बिजली मोर्चा के समन्वयक एवं विधायक मीत हेयर ने आज यहां कहा कि अमरिंदर सरकार बिजली सस्ती करके लूट बंद क्यों नहीं कर सकती। दिल्ली सरकार लगभग सौ प्रतिशत निजी बिजली कंपनियों पर निर्भर होकर भी दिल्लीवासियों को देश भर से सबसे सस्ती बिजली दे रही है,जबकि पंजाब सरकार के पास अपने थर्मल और पनबिजली प्रोजैक्ट होने के बावजूद सबसे महंगी बिजली दी जा रही है । यह काम मिलीभगत के तहत बादलों के समय से चल रहा 'बिजली माफिया' है।

श्री हेयर ने कहा कि बादलों ने सरकारी थर्मल प्लांटों की बलि देकर प्राईवेट थर्मल प्लांटों के साथ महंगे और एकतरफा शर्त वाले समझौते करके पंजाब की 77 प्रतिशत बिजली खपत प्राईवेट कंपनियों पर निर्भर कर दी। ऐसी नाजायज शर्तों पर 25 साल तक के लम्बे समझौते कर लिए कि बिजली इस्तेमाल न करने के बावजूद बिजली का प्रति साल 2800 रुपए इन प्राईवेट थर्मल प्लांटों को दिया जा रहा है, जो सीधे तौर पर हर बिजली खपतकार की जेब पर बोझ है।

उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार ने बिजली खरीद समझौते रद्द करने का वायदा किया था लेकिन सरकार बनने के बाद बिजली माफिया के साथ मिल गए। इसीलिये पंजाब में बिजली सस्ती होने की बजाए लगातार महंगी की जा रही है। बिजली मोर्चे के अंतर्गत हलका स्तर पर बैठकें की जा रही हैं। लोगों को जहां केजरीवाल सरकार और कैप्टन सरकार की तरफ से दी जा रही बिजली की दरों में दिन रात का फर्क समझाया जा रहा है वही गांवों में बिजली समितियां गठित की जा रही हैं।


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