Top
Begin typing your search above and press return to search.

तेलंगाना जाएगी चुनाव आयोग की टीम

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को तेलंगाना में चुनाव तैयारियों के मूल्यांकन के मद्देनजर 11 सितंबर को अधिकारियों की एक टीम हैदराबाद भेजने का फैसला किया

तेलंगाना जाएगी चुनाव आयोग की टीम
X

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को तेलंगाना में चुनाव तैयारियों के मूल्यांकन के मद्देनजर 11 सितंबर को अधिकारियों की एक टीम हैदराबाद भेजने का फैसला किया। यहां जल्द चुनाव करवाने के लिए कार्यकाल पूरा होने से पहले ही सदन को भंग कर दिया गया है।

यह निर्णय मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत की अध्यक्षता में अयोग की पूर्ण बैठक में लिया गया।

बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, "तेलंगाना में राज्य विधानसभा को भंग किए जाने के मद्देनजर, आयोग ने राज्य में चुनावी तैयारियों की समीक्षा के लिए ईसीआई की एक टीम को वहां भेजने का फैसला किया है। वरिष्ठ निर्वाचन उपायुक्त उमेश सिन्हा की अध्यक्षता में ईसीआई अधिकारियों की एक टीम मंगलवार, 11 सितंबर, 2018 को हैदराबाद का दौरा करेगी और दौरा पूरा होने के बाद आयोग को रिपोर्ट पेश करेगी।"

रावत ने ऐसे संकेत दिए हैं कि तेलंगाना में चुनाव इस वर्ष दिसंबर में अन्य चार राज्यों के साथ कराए जा सकते हैं।

बैठके के बाद, उन्होंने कहा कि आयोग तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ जमीनी स्तर की स्थिति की समीक्षा करेगी और चुनाव करवाने के लिए समय के बारे में निर्णय करेगी।

रावत ने कहा, "जब भी सदन समय से पहले भंग हो जाती है, 2002 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिशानिर्देश के अनुसार, ईसीआई को किसी भी स्थिति में सदन के भंग होने के छह माह के अंदर चुनाव के लिए तत्काल कदम उठाने पड़ते हैं।"

हालांकि बैठक से पहले उन्होंने कहा था कि यदि अन्य राज्य भी जल्द चुनाव कराने का निर्णय करते हैं, तो लॉजिस्टिक की मुश्किलों को देखते हुए यह काफी मुश्किल होगा।

रावत ने गुरुवार को तेलंगाना विधानसभा के भंग होने के बाद जल्द चुनाव करवाने की मांग पर मीडिया से कहा, "सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया है कि सदन के भंग होने की स्थिति में, चुनाव पहले ही कराए जाने चाहिए, क्योंकि कार्यवाहक सरकार को कार्यभार संभालने और लाभ लेने नहीं दिया जा सकता। आप सदन को भंग कर कार्यवाहक सरकार के तौर पर छह महीने तक सरकार नहीं चला सकते।"

सीईसी ने कहा, "चुनाव जल्द से जल्द होने चाहिए। इस मामले में अदालतों के कई फैसले और जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा।"

मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में इस वर्ष चुनाव होने हैं। तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल 19 जून, 2019 को समाप्त होने वाला था, लेकिन तेलंगाना राष्ट्र समिति सरकार ने सदन भंग कर जल्द चुनाव करवाने का रास्ता चुना है।

कई जगहों पर हाल ही में हुए उपचुनाव के दौरान वीवीपैट में खराबी पर उन्होंने कहा कि आयोग समस्या को समाप्त करने पर काम कर रहा है।

उन्होंने कहा, "हम फिलहाल एक समस्या का सामना कर रहे हैं। कई जगहों पर उपचुनाव के दौरान, वीवीपैट में खराबी आई, कुछ जगहों पर वीवीपैट में पांच प्रतिशत, आठ प्रतिशत और 11 प्रतिशत शिकायतें दर्ज कराई गई थीं। आयोग की प्रौद्योगिकी समिति वीवीपैट से संबंधित समस्या के समाधान की दिशा में काम कर रही है।"

उन्होंने यह भी कहा कि आयोग को 30 सितंबर को ईवीएम और 30 नवंबर तक वीवीपैट मिलेंगे। और जैसा कि आयोग ने सर्वदलीय बैठक में प्रतिबद्धता जताई है कि चुनाव वीवीपैट के साथ होंगे.. इसलिए चुनाव जो कि वीवीपैट संख्या के आधार पर होंगे, यह हमारे लिए समस्या नहीं है।

रावत ने कहा, "लेकिन जैसा कि आप कह रहे हैं कि दूसरे राज्यों में भी जल्द चुनाव करावाने की मांग एक संक्रमण की तरह फैल सकती है, तो इससे हमारे लिए कुछ समस्या उत्पन्न होगी।"

आयोग ने यह बैठक के. चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली तेलंगाना सरकार द्वारा विधानसभा भंग कर दिए जाने के एक दिन बाद की है। इससे पहले राज्यपाल ने सदन को भंग करने के मंत्रिमंडल के सुझाव को मान लिया था।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it