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चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है, उसे निष्पक्ष रहना चाहिए : अविनाश पांडे

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर सवाल उठाए जाने वाले बयान का कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने बचाव किया है

चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है, उसे निष्पक्ष रहना चाहिए : अविनाश पांडे
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नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर सवाल उठाए जाने वाले बयान का कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने बचाव किया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसे निष्पक्ष रहना चाहिए।

कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, "देश की संवैधानिक संस्थाएं भाजपा के संगठन के रूप में काम कर रही हैं। मुझे लगता है कि राहुल गांधी का बयान कोई नया नहीं है, क्योंकि उन्होंने इसके बारे में चेतावनी दी थी और इस बात को संसद में भी उठाया था। राहुल गांधी देश में जहां भी गए हैं, वहां भी इस बात को रखा। चुनाव आयोग एक ऐसी संस्था होती है, जिस पर लोगों को विश्वास होना चाहिए। हालांकि, चुनाव आयोग जिस तरीके से एकतरफा काम कर रहा है, उससे लोगों का भरोसा उठता जा रहा है। राहुल गांधी का बयान देश के लिए एक बहुत बड़ी चेतावनी है।"

उन्होंने कहा कि जिस तरह से राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं और जिस तरह से महाराष्ट्र में अचानक दो घंटे में 60 लाख वोटर बढ़ गए, उससे यह बात सत्य है कि राहुल गांधी सही कह रहे हैं। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, इसलिए उसे निष्पक्ष रहना चाहिए, लेकिन चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है और इसी बात का जिक्र लगातार राहुल गांधी कर रहे हैं।

शरबत मामले में हाई कोर्ट द्वारा बाबा रामदेव को फटकार लगाए जाने पर उन्होंने कहा, "इस देश का दुर्भाग्य है कि रोजाना अजीबोगरीब विवाद खड़े किए जा रहे हैं। मैं पूछना चाहूंगा कि देश में पानी की किल्लत और किसानों की परेशानी जैसे मुद्दों पर बात क्यों नहीं होती है। हाई कोर्ट का जो भी फैसला है, वह सही है।"

अविनाश पांडे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाए जाने की निंदा की। उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट न्याय की बात करता है। मैं इतना ही कहूंगा कि अगर देश में संविधान और लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ होता रहेगा तो आने वाले दिनों में कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचेगा। अगर न्यायपालिका कोई टिप्पणी करती है तो उस पर सभी लोगों को विचार करना चाहिए।"


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