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यूपी राज्य विधान परिषद की 12 सीटों के लिये निर्वाचन आयोग ने की घोषणा

उत्तर प्रदेश राज्य विधान परिषद की 12 सीटों के लिये निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कार्यक्रम की घोषणा कर दी

यूपी राज्य विधान परिषद की 12 सीटों के लिये निर्वाचन आयोग ने की घोषणा
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य विधान परिषद की 12 सीटों के लिये निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कार्यक्रम की घोषणा कर दी।

निर्वाचन आयोग के अनुसार चुनाव की अधिसूचना 11 जनवरी को जारी की जायेगी और उसी दिन से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। नामांकन की आखिरी तारीख 18 जनवरी नियत की गयी है जबकि 19 तारीख को नामांकन पत्रों की जांच की जायेगी। नाम वापसी की अंतिम तिथि 21 जनवरी है जबकि मतदान 28 जनवरी को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक सम्पन्न होगा। मतों की गिनती उसी दिन होगी और सभी परिणाम घोषित कर दिये जायेंगे।

गौरतलब है कि विधान परिषद के 12 सदस्यों का कार्यकाल 30 जनवरी को समाप्त हो रहा है। इन सदस्यों में सूबे के उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव और समाजवादी पार्टी (सपा) के अहमद हसन के अलावा, आशू मलिक,धर्मवीर सिंह अशोक,प्रदीप कुमार जाटव,रमेश यादव,रामजतन, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, वीरेन्द्र सिंह,,साहब सिंह सैनी शामिल है। इनके अलावा नसीमुद्दीन सिद्दीकी के कांग्रेस में जाने से उनकी सदस्यता दलबदल कानून के तहत पहले ही खत्म कर दी गई थी ।

उधर, सूत्रों का दावा है कि भाजपा विधान परिषद की बारह सीटों पर होने वाले चुनाव में कम से कम दस सीटें जीत सकती है और यदि बहुजन समाज पार्टी का समर्थन मिला तो एक और सीट उसके पास आ सकती है । फिलहाल इन 12 सीटों में से सपा के पास छह सीटे है जबकि भाजपा और बसपा के हिस्से में तीन तीन सीटें है। भाजपा के खाते में दस और सपा के खाते में एक सीट जाना तय है । यदि भाजपा को बसपा का साथ मिला तो 11वीं सीट भी पार्टी जीत सकती है । बसपा के विधानसभा में 19 सदस्य होने के बावजूद राज्यसभा चुनाव में उसका एक प्रत्याशी जीत गया था।

भाजपा ने अपना एक और उम्मीदवार खड़ा कर उसकी मुसीबत नहीं बढ़ाई थी लेकिन अंतिम समय में सपा ने अपना एक प्रत्याशी उतार कर बसपा प्रमुख मायावती को नाराज कर दिया था । सपा प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया था और बसपा प्रत्याशी को जीत मिल गई थी । तभी मायावती ने कहा था कि विधान परिषद चुनाव में सपा को हराने के लिये भाजपा की मदद करने से भी पीछे नहीं रहेंगी । यदि सुश्री मायावती अपने कहे पर कायम रहती हैं तो भाजपा के पास ग्यारहवीं सीट भी आ सकती है ।


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