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राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव के लिए बनने लगा चुनावी माहौल

राजस्थान में आगामी सत्रह अप्रैल को सुजानगढ़, राजसमंद एवं सहाड़ा विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए चुनावी माहौल गर्माने लगा हैं

राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव के लिए बनने लगा चुनावी माहौल
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जयपुर। राजस्थान में आगामी सत्रह अप्रैल को सुजानगढ़, राजसमंद एवं सहाड़ा विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सत्ता पक्ष कांग्रेस एवं विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उम्मीदवारों के चयन तथा अन्य गतिविधियों के जोर पकड़ने से चुनावी माहौल गर्माने लगा हैं।

उपचुनाव के लिए कांग्रेस एवं भाजपा दोनों ही अपने उम्मीदवार चुनने में लगी हुई हैं और प्रत्याशियों की घोषणा के बाद चुनावी सरगर्मियों और तेज होने की संभावना हैं। राज्य में इन तीनों सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया 23 मार्च से शुरु हो जायेगी। हालांकि दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस एवं भाजपा अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पाये हैं।

वैश्विक महामारी कोरोना के दूसरी लहर की संभावना के चलते भी राजनीतक दलों को इन उपचुनाव में प्रचार करने में परेशानी झेलनी पड़ सकती है और कोरोना गाइड लाइन की पालना के मद्देनजर चुनावी सभाओं में भीड़ एकत्रित नहीं होने से चुनावी माहौल पहले की तरह अपने चरम पर नहीं पहुंच पायेगा। राजनीतिक दलों के नेता पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करके चुनाव संबंधी चर्चाएं कर रहे हैं। इसी क्रम में भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह आज भीलवाड़ा में पार्टी पदाधिकािरयों एवं कार्यकर्ताओं की बैठक की। हालांकि पार्टियां एवं उनके नेता सोशल मीडिया का पूरा फायदा उठा रहे हैं और इसके जरिए भी अपनी बात रखी जा रही है।

दोनों पार्टियों में कांग्रेस सहाड़ा एवं सुजानगढ़ में अपना दबदबा बरकरार एवं राजसमंद में अपनी प्रतिष्ठा कायम करने के लिए पूरी तैयारी कर रखी हैं वहीं भाजपा राजसमंद में अपना दबदबा बरकरार एवं शेष दो सीटों पर अपनी दबदबा कायम करने के लिए अभी से अपनी पूरी ताकत लगाना शुरु कर दिया हैं। दोनों ही पार्टियां इन सीटों पर अपनी अपनी जीत के दावे कर रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में सरकार पिछले करीब ढाई साल में कोरोना सहित विभिन्न क्षेत्रों में शानदार काम कर रही है जबकि भाजपा नीत केन्द्र सरकार के किसान विरोधी नये कृषि कानूनों के कारण किसान दुखी हैं और इसका खामियाजा भाजपा को इन उपचुनाव में भी भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उपचुनाव की तैयारियां कर रखी हैं और महीनों से चल रहे किसान आंदोलन के कारण प्रदेश के अन्नदाता तप रहे और उसके अंदर एक आग धधक रही है जिसकी लपटे भाजपा के सभी मंसूबों को जलाकर राख कर देगी। उन्होंने इन तीनों सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार के जीतने का दावा किया।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां भाजपा लिए ये सभी सीटें अनुकूल बताते हुए कहा है कि पंचायततीराज के चुनाव में इन सारे विधानसभा क्षेत्रों में सरकार के खिलाफ लोगों ने जनादेश दिया था और भाजपा का शानदार जीत हुई थी। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उपचुनावों को लेकर पहले ही जमीनी तौर पर तैयारी पूरी कर ली है। उन्होंने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग और रूतबे का लोगों को भय दिखाती है, जिसका पंचायतीराज और निकाय चुनाव में भी सरकार ने भरपूर दुरूपयोग किया, इसके बावजूद इन पर हमारे कार्यकर्ताओं का परिश्रम भारी पड़ेगा।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि टिकट के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी बहुत पहले शुरू कर दी थी और इसके लिए सर्वे भी कराए गये हैं। उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों के चयन के लिए चर्चा की जा रही है और जीताऊ उम्मीदवार को टिकट दिया जायेगा। दोनों ही पार्टियों का कहना है कि उन्हें उम्मीदवार चुनने में कोई दिक्कत नहीं हैं और शीघ्र ही उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जायेगी।

उल्लेखनीय है कि भीलवाड़ा जिले की सहाड़ा सीट कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी और चुरु जिले की सुजानगढ़ सीट मंत्री मास्टर भंवर लाल और राजसमंद सीट भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी के निधन से खाली हुई है। उदयपुर जिले की वल्लभनगर विधायक गजेन्द्र सिंह शक्तावत के निधन से खाली हुई थी लेकिन इस पर अभी उपचुनाव कराने की घोषणा नहीं हुई हैं।


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