Top
Begin typing your search above and press return to search.

ईद पर उन्मादियों द्वारा खून खराबा के विरोध में काली पट्टी पर जुदा है राय

फरीदाबाद में सीट को लेकर शुरू हुआ झगड़ा, जानेलवा मारपीट में बदल गया और उसके बाद आई ईद पर ऐसे मौकों पर राजनीतिक लाभ उठाने वाले भी सामने आ गए


नई दिल्ली। फरीदाबाद में सीट को लेकर शुरू हुआ झगड़ा, जानेलवा मारपीट में बदल गया और उसके बाद आई ईद पर ऐसे मौकों पर राजनीतिक लाभ उठाने वाले भी सामने आ गए। आज ईद पर जहां कुछ स्थानों पर ऐसे लोग सामने आए जहां काली पट्टी बांधे नमाज पढ़ने गए तो वहीं कई लोगों ने फरीदाबाद और कश्मीर में अयूब पंडित की हत्या पर दूसरे शहरों से काली पट्टी बांधने की अपील आने की बात स्वीकारी। वहीं दूसरी ओर दैनिक यात्रियों ने फरीदाबाद की घटना के विरोध में बुधवार को प्रदर्शन का ऐलान किया है।

आरिफ ने बताया कि ईद का त्यौहार ख़ुशी का दिन है लेकिन इस त्यौहार पर फरीदाबाद के जुनैद और श्रीनगर के अयूब पंडित की मौत देखने के बाद ही लगा कि उन्माद किसी भी मजहब में ठीक नहीं है और इसीलिए बड़े विरोध की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए ही काली पट्टी बांधकर हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे हैं। रविवार को खाड़ी देशों में ईद मनाई गई और नदीम बताते हैं कि भारतीय समुदाय के लोग वहां काली पट्टी बांधकर ईद मनाते हुए दिखे और कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर हुई हैं।

हालंकि शबनम मानती हैं कि भारत में ऐसे विरोध की जरूरत नहीं है क्योंकि यहां अन्य देशों के मुकाबले अल्पसंख्यक बहुत सुरक्षित है और उसे अपने अधिकार आसानी से हासिल हैं। उन्होने माना कि विदेशी ताकतों को इस बात से परेशानी भी होती है कि विविधताओं के बाद आखिर भारत एकजुट कैसे हैं और इसीलिए सोशल मीडिया आजकल षडयंत्र का अड्डा बनता जा रहा है।

आमिर ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी ऐसे प्रचार किए जा रहे हैं लेकिन हम सब महफूज हैं और एकजुट होकर ईद मना रहे हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it